ग्वालियर । गृह, जेल, संसदीय कार्य एवं विधि विधायी मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने आज ग्वालियर में प्रदेश की चौथी डीएनए प्रयोगशाला का उदघाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्वालियर के बाद जबलपुर में भी इसी साल डीएनए लैब खोली जाएगी। साल के अंत तक रीवा व रतलाम में भी डीएनए लैब खोलने का लक्ष्य है।ग्वालियर की प्रयोगशाला में साल भर में 1200 डीएनए प्रकरणों की जांच की जा सकेगी।उन्होंने कहा डीएनए जांच की पेंडेसी कम करने के लिए नई प्रयोगशालाएं खोलने के साथ साथ सरकार द्वारा मानव संसाधन की कमी भी दूर की जा रही है।
शनिवार को यहां पुलिस अधीक्षक कार्यालय के समीप स्थित न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला परिसर में गृह मंत्री डॉ मिश्र एवं सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने पट्टिका का अनावरण कर एवं फीता काटकर लैब का उदघाटन किया। इस अवसर पर अभय चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि गण,विशेष पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान जी पी सिंह, ग्वालियर संभाग आयुक्त दीपक सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी श्रीनिवास वर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मृगांखी डेका व एसडीएम अनिल बनवारिया सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
गृह मंत्री डॉ मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि सरकार द्वारा डीएनए जांच की पेंडेसी कम करने के लिए जहां नई प्रयोगशालाएं खोली जा रही हैं वहीं मानव संसाधन की कमी भी दूर की जा रही है। इससे अपराधिक प्रकरणों के निराकरण में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग के माध्यम से 44 वैज्ञानिक अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। साथ ही 30 वैज्ञानिक अधिकारियों, 21 लैब टेक्नीशियन व 25 लैब असिस्टेंट की भर्ती की मंजूरी सरकार द्वारा दी जा चुकी है।
गृह मंत्री ने कहा वर्तमान में डीएनए के 9 हजार प्रकरण लंबित है। ग्वालियर में लैब की स्थापना से इस पेंडेंसी में काफी कमी आयेगी। उन्होंने कहा वर्तमान में प्रदेश में हर माह डीएनए की जांच हो रही है, जिसे एक हजार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।