जबलपुर ।  प्रदेश में बिजली के बिल बांटने और जमा करने की सुविधा में बदलाव की तैयारी हो रही है। बिजली कंपनी उपभोक्ता को मौके पर मीटर की रीडिंग के साथ ही बिल भी देने की तैयारी कर रही है। ये बिल भी डिजिटली होगा, जो ई-मेल, मोबाइल पर एसएमएस अथवा वाट्सएप के जरिए भेजा जाएगा।

करीब तीन माह इस बदलाव में लगेगा। अभी ऊर्जा विभाग प्रदेश की तीनों वितरण कंपनी के चुनिंदा शहरों में इसे पायलेट प्रोजेक्ट की तरह चलाएगा। बुधवार को ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने इस संबंध में मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्यालय शक्तिभवन में अफसरों के साथ बैठक की।

पूर्व क्षेत्र कंपनी के प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी के साथ उपभोक्ताओं को पेपरलेस बिल भेजने पर चर्चा की गई। ऊर्जा सचिव ने बताया कि बिल डिजिटल देने से बिल जो कागज में प्रिंट करवाना पड़ता है उसका खर्च और समय दोनों की बचत होगी। उपभोक्ता के पास बिल पहुंचने में अभी 8-10 दिन का वक्त लगता है। पहले रीडिंग फिर बिल बांटने में दोहरा श्रम भी खर्च होता है इसलिए व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है ताकि उपभोक्ता को जहां सीधे उसके मोबाइल पर बिल उपलब्ध होगा ताकि बिल की राशि भी समय पर जमा हो सके। समीक्षा बैठक में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी, डायरेक्टर टेक्नि‍कल अविनाश कुमार वाजपेयी, पावर जनरेटिंग कंपनी के डायरेक्टर कामर्श‍ियल प्रतीश कुमार दुबे के अलावा सभी विद्युत कपंनियों के वरिष्ठ अभ‍ियंता उपस्थि‍त रहे।