ग्वालियऱ। एजी आफिस पुल से निकलते समय सावधानी बरतें। यहां अंधा मोड़ होने के साथ दोनों तरफ से तेज गति से वाहन गुजरते हैं। यह तेज रफ्तार आपके जीवन के सफर पर हमेशा के लिए ब्रेक लगा सकती है। वाहनों की गति ही इस पुल पर हादसों की वजह बनती है। इसी कारण कुछ समय पहले पुल पर अस्थाई डिवाइडर भी लगाए गए थे, ताकि वाहन न टकराएं। पुल पर अंधे मोड़ और रफ्तार के कारण पांच साल में 14 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद अब तक यहां हादसे रोकने कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं।
झांसी रोड व सिटी सेंटर को जोड़ने वाले एजी आफिस पुल से रोजाना दोनों साइड से औसतन 20 से 30 हजार के लगभग वाहन गुजरते हैं। दोनों साइडों से गुजरने वाले वाहनों की रफ्तार अधिक होती है। इसके अलावा अंधा मोड़ भी हादसों का कारण बनता है। वाहनों के आपस में टकराने की घटना तकरीबन हर पखवाड़े में हो जाती है। इसमें कई हादसे जानलेवा भी साबित होते हैं।
थाटीपुर-मुरार व मोतीमहल-फूलबाग रोड को जोड़ने वाले नए ओवर ब्रिज पर स्थाई रूप से डिवाइडर की व्यवस्था की गई है। यही कारण है कि दोनों तरफ से गुजरने वाले वाहन अपनी-अपनी साइड चलते हैं। इस आरओबी के निर्माण को दो साल से अधिक समय हो गया है, यहां कोई दुर्घटना नहीं हुई है। वहीं एजी आफिस आरओबी पर वाहनों की रफ्तार अधिक होने के बाद भी यहां डिवाइडर की व्यवस्था नहीं की गई है। कोरोना संक्रमण काल से पहले एजी आफिस पुल पर सुरक्षा की दृष्टि से अस्थाई डिवाइडर लगाए गए थे। इन अस्थाई डिवाइडरों से हादसों में कुछ कमी भी आई थी, लेकिन अब यह डिवाइडर गायब हो गए हैं।
सड़क हादसों का ठिया बन चुके इस एजी पुल पर रविवार रात को भी वाहनों में भिड़ंत हो गई। यहां स्कार्पियो और बाइक के आमने-सामने टकरा गए। हालांकि इस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुई, लेकिन कार का बंपर क्षतिग्रस्त हो गया।