भोपाल। उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार पर पार्टी सख्त हो सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की समीक्षा के बाद कई नेताओं और पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है। हालांकि गाज गिरने की शुरूआत उपचुनाव हारने के बाद से शुरू हो गई है। इस क्रम में फिलहाल एक पदाधिकारी पर गाज गिरा कर पद से हटा दिया गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 9 नवंबर को उपचुनाव में मिली हार की समीक्षा करेंगे। उन्होंने इस दिन खंडवा लोकसभा उपचुनाव के कांग्रेस उम्मीदवार राजनारायण सिंह पूरनी सहित पृथ्वीपुर विधानसभा और जोबट विधानसभा के पार्टी उम्मीदवारों को हार के कारणों की रिपोर्ट के साथ बुलाया है। साथ ही इन सभी क्षेत्रों में प्रदेश कांग्रेस की ओर से भेजे गए प्रभारी और सह प्रभारियों से भी इसी दिन रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के साथ इन सभी के साथ कमलनाथ समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में जो रिपोर्ट आएंगी उसका अध्ययन करने के बाद कई पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। दरअसल कांग्रेस उपचुनाव की हार पर इसलिए सख्त होना चाहती है ताकि वर्ष 2023 में होने वाले चुनाव में यह गलती पार्टी पदाधिकारी और पार्टी नेता नहीं कर सकें। इसलिए हार के जिम्मेदार नेताओं और पदाधिकारियों को उनके पद से मुक्त किया जा सकता है। इससे पहले पार्टी ने अरुण यादव के एक समर्थक को खंडवा में पार्टी विरोधी काम करने के आरोप में पद से मुक्त कर दिया है।

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