राजगढ़। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की मुश्किलें उनके ट्वीट और फेसबुक पोस्ट के कारण बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। जगह-जगह संघ के कार्यकर्ता और भाजपा पदाधिकारी उनके विरुद्ध प्रदर्शन और शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। रविवार को राजगढ़ कोतवाली थाने में भाजपा के पूर्व युवा मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष अंशुल तिवारी के नेतृत्व में विभिन्न हिंदू संगठन और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए दिग्विजय सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई। लगभग तीन घंटे चले विरोध प्रदर्शन के पश्चात अंततः पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर धारा 153-A,469,500 और 505 IPC के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
मीडिया से चर्चा के दौरान संघ के कार्यकर्ता और भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अंशुल तिवारी ने बताया कि बाटला हाउस आतंकियों के एनकाउंटर पर आंसू बहाने वाले। ज़ाकिर नाइक जैसे कट्टरपंथियों को शांतिदूत बताने वाले। सेना के शौर्य और पराक्रम पर प्रश्नचिह्न लगाकर सबूत मांगने वाले। कुख्यात आतंकवादी लादेन और हाफ़िज़ सईद को लादेन जी और हाफ़िज़ साहब कहने वाले। हिन्दू आतंकवाद शब्द को इज़ाद करने वाले। भगवे को आतंकवाद से जोड़ने वाले और जिनके पूर्वज अंग्रेजों और मुगलों की जासूसी करते थे। ऐसे दिग्विजय सिंह के खिलाफ हम यहां एफआईआर दर्ज कराने आए थे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सर संघचालक परमपूज्य माधव सदाशिवराव गुरु गोलवलकर जी के खिलाफ दिग्विजय सिंह ने फेसबुक और ट्वीटर पोस्ट से उनके फोटो के साथ छेड़छाड़ और कूटरचना करके समाज विद्वेष फैलाने का जो एक सुनियोजित षड्यंत्र किया था। उन्होंने दिग्विजय सिंह शायद ये भूल गए कि ये वही राष्ट्रीय स्वयंसेवक हैं, जिनके लिए तत्क़ालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रोटोकॉल तोड़कर संसद में उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। साथ ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर शुरू किए गए विरोध को लेकर कहा कि दिग्विजय सिंह जब राजगढ़ आएंगे तो उन्हें हर एक संघ के कार्यकर्ता और हिन्दू धर्म के लोगों का विरोध झेलना पड़ेगा।
बता दें दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीटर और फेसबुक अकाउंट के माध्यम से फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि “गुरु गोलवलकर जी के दलितों पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे, ये अवश्य जानिए” पोस्ट में गुरु गोलवलकर की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर लिखा गया था कि “मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन जो दलित पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आज़ादी मुझे नहीं चाहिए।”
उक्त किए गए ट्वीट और फेसबुक पोस्ट के पश्चात बवाल मच गया। देश सहित प्रदेश के अलग-अलग हिस्सो में दिग्विजय सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की जाने लगी और मध्यप्रदेश के इंदौर और राजगढ़ जिले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के विरुद्ध प्रकरण भी दर्ज कर लिया गया है।