इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में अजब प्रेम की गजब कहानी सामने आई है। शादी के 8 साल बाद पत्नी को किसी दूसरे युवक से प्यार हुआ तो पति ने खुशी-खुशी सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया ताकि वह अपने प्रेमी के साथ शादी कर सके। प्रेमी भी प्रेमिका की खातिर उसकी पांच साल की बेटी को अपने साथ रखने को तैयार हो गया। फैमिली कोर्ट ने आपसी सहमति से तलाक लेने पहुंचे दंपति को पहले तो समझाइश दी लेकिन जब वे नहीं माने तो तलाक के कागज पर मुहर लगा दी। पति ने भी दहेज में मिली सभी सामान वापस कर दिए।
दरअसल, विजय नगर में रहने वाले एक दंपति ने एडवोकेट मनोज बिनीवाले के जरिए आपसी सहमति से फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की थी। महिला ने न्यायालय में जज के सामने यह स्वीकार भी किया है कि वह किसी और से प्यार करती है और उससे ही शादी करना चाहती है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने तलाक की अर्जी को स्वीकार कर लिया और कई शर्तें भी लगा दी हैं।
8 साल पहले 2013 में दोनों की शादी हुई थी। करीब तीन साल बाद दोनों को एक बेटी हुई। ये अब करीब 5 साल की है। दंपति के बीच पिछले कुछ समय से सब-कुछ ठीक नहीं चल रहा था। महिला को एक युवक से प्यार हो गया और वह अपना परिवार छोड़कर उसके साथ लव मैरिज करना चाहती थी। पति के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों ने काफी समझने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानीं। इसके बाद जब पति को अहसास हुआ कि पत्नी जिद पर अड़ी है तो उसने प्रेमी से शादी करवाने का फैसला किया।
कोर्ट में काउंसलिंग के जरिए तलाक ना लेने की समझाइश दी गई, लेकिन महिला का कहना था कि वह अपनी राय नहीं बदलेगी। महिला का प्रेमी भी शादी के बाद उसकी पांच साल की बेटी को भी साथ रखने को राजी है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि महिला तलाक के बाद अपने पूर्व पति पर किसी तरह का अधिकार नहीं रखेगी। किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं करेगी। बच्ची को अपने पास रखेगी। बच्ची का पिता चाहे तो तय समय पर आपसी सहमति से मिल सकता है।
बहुत पहले दिल दे चुके सनम नाम की फ़िल्म आयी थी। अब वास्तविक जीवन में ऐसा पति सिर्फ़ और सिर्फ़ हिंदुस्तान में ही हो सकता है।
वाह पति का त्याग पत्नी के लिए। शानदार।
वाह रे मेरे अजय देवगन, क्या मिसाल पेश की है
पत्नी ने गलत किया, भरा पूरा परिवार होने के बाद अपने दायित्वों से मुँह मोड़ना गलत है। महिला को सजा होनी चाहिए, बिनिवाले साहब जी।
इसमें पति का क्या दोष था जो महिला ने उसके साथ ऐसा किया? बिनिवाले साहब आपको उसे कठोर सजा दिलवाना चाहिए। केस री-ओपन करवा लें।
“नमस्ते, मनोज बिनिवाले जी
मेरा निवेदन है कि पुरुषों के लिए भी कानून बनवाएं क्योंकि अगर यह केस उल्टा होता तो, यह पुरुष जेल में होता। या फिर भरण पोषण का आदेश दिया जाता साथ ही समज में खूब बदनाम करते। जब मुद्दे सामान हैं तो दोहरा रवैया क्यों है कानून का? “