मुंबई। महाकुंभ में बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बन गईं। किन्नर अखाड़े के आर्चाय लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता का पट्टाभिषेक कर महामंडलेश्वर बनाया। पट्टाभिषेक की प्रक्रिया शुरू होने से दो घंटे पहले तक किसी को इस बारे में कोई भनक नहीं थी। यहां तक कि खुद ममता कुलकर्णी ने एक वीडियो जारी कर बताया था कि वह काशी विश्वनाथ मंदिर और अयोध्या की यात्रा पर जाने के बाद महाकुंभ आएंगी और 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर स्नान करेंगी। फिर ऐसा क्या हुआ कि उनका प्रोग्राम बदल गया और वह काशी नहीं गईं। प्रयागराज में रुकीं तो अपना ही पिंड दान करके महामंडलेश्वर बन गईं? महामंडलेश्वर बनने के बाद मीडिया से बातचीत में ममता ने इस रहस्य का खुलासा किया।

ममता ने कहा कि कल तक तो यही सोच रही थी कि यहां आऊंगी और स्नान करूंगी। इसके बाद उसी तरह से यहां से चली जाऊंगी जैसे 12 साल पहले आई थी और चली गई थी। वही भी महाकुंभ था और आज भी पूर्ण कुंभ है। कहा कि आज मैंने अपनी यात्रा काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए तय की थी। लेकिन उनके जो महापंडित हैं जिनसे मेरी बातचीत हुई थी। आज वह पंडित जी गायब हो गए। वह अचानक कैसे गायब हो गए, मैं यह समझ नहीं पा रही हूं।

ममता ने कहा कि मैं काशी विश्वनाथ मंदिर के पंडित के गायब होने के बारे में सोच ही रही थी कि सुबह-सुबह जगतगुरु महेंद्र आनंद गिरी महाराज, इंद्रा भारती महाराज और एक अनुयायी मेरे सामने ब्रह्मा, विष्णु, महेश के रूप में आ गए। इसके बाद मुझे आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी के पास लेकर गए। मैं इनके पास जाकर इसी तरह बैठी थी, जैसे अभी बैठी हूं। तभी आदि शक्ति ने मेरे अंतर्मन ने बोला, आज शुक्रवार है। पूछा, किस बात का तुम्हें इंतजार है। तुमने जो 23 साल तक तप किया, ध्यान किया, उसका सर्टिफेकेट तो बनता ही है।

ममता ने कहा कि आध्यात्म में तीन रास्ते होते हैं। वामपंथी, दक्षिण पंथी और मध्यम पंथी। किन्नर अखाड़ा मध्यम पंथी मार्ग वाला है। यहां मुझे बंधकर नहीं रहना होगा। यहां पर पूरी स्वतंत्रता है। इससे बेहतर कोई रास्ता नहीं हो सकता है। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं अब इनकी संस्था और सनातन के लिए जो हो सकेगा करूंगी। अभी मानव कल्याण के लिए भ्रमण करूंगी। जहां से भी कुछ कमाई करुंगी, इनकी संस्था में समर्पित करूंगी।

एक दिन पहले ममता ने क्या कहा था
एक दिन पहले ही ममता कुलकर्णी ने इंस्टाग्राम पर अपना एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था कि महाकुंभ जा रही हूं। वहां 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान करूंगी। इसके साथ ही अगले दस दिनों का प्लान बताते हुए कहा था कि पहले कल काशी विश्वनाथ मंदिर और अयोध्या में रामलला का दर्शन करने जाउंगी। ममता ने यह भी कहा कि लंबे समय तक तपस्या के कारण माता-पिता की मृत्यु पर मैं नहीं जा पाई थी। ऐसे में उनका पितृ तर्पण भी करूंगी।