बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री चित्रा हल्लीकेरी द्वारा अपने व्यवसायी पति बालाजी पोथराज और ससुर के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी संबंधी कार्रवाई पर रोक लगा दी है. अभिनेत्री ने अपने पति, ससुर और एक बैंक प्रबंधक के खिलाफ जाली हस्ताक्षर करने और उनकी जानकारी के बिना उनके बैंक खाते का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
पोथराज और उनके पिता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एम एस श्याम सुंदर ने दलील दी कि व्यवसायी की पत्नी चित्रा उनसे अलग हो चुकी हैं और उन्होंने झूठी शिकायत दर्ज कराई है. अदालत से कहा गया कि बालाजी पोथराज ने जब अपनी पत्नी के खिलाफ तलाक का मामला दर्ज कराया तो चित्रा ने झूठी शिकायत दर्ज कराई. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने कार्रवाई पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश जारी किया.
एक्ट्रेस चित्रा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उनके पति और ससुर उनकी जानकारी के बिना उनके नाम से साउथ इंडिया बैंक में एक खाते का संचालन कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इस खाते के आधार पर उन्होंने उनके नाम पर कर्ज और अन्य वित्तीय लेनदेन किए हैं. बीते 19 मई को अभिनेत्री चित्रा हल्लीकेरि ने अपने पति, ससुर और एक बैंक मैनेजर पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चित्रा ने अपने पति और ससुर पर उनकी जानकारी के बिना गोल्ड लोन लेने के लिए अपने बैंक खाते का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही पुलिस को शिकायत दर्ज करते हुए चित्रा ने ये भी बताया था कि जब उन्हें इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली तब उन्होंने अपने पति और ससुर के खिलाफ पुलिस के पास संपर्क किया, जिसके बाद उनके पति और ससुर ने चित्रा को जान से मारने की धमकी दी. वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दिये गए इस फैसले के बाद चित्रा को बड़ा झटका लगा है.