नई दिल्ली । नए साल के पहले दिन जालंधर में नहर किनारे मिली पंजाब पुलिस के अर्जुन अवार्ड विजेता डीएसपी दलबीर सिंह देओल की हत्या के मामले में पुलिस ने एक ई रिक्शा चालक को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान लांबड़ा निवासी विजय के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि नशे की हालत में डीएसपी ने विजय को गाली दी थी। इसी वजह से उसने डीएसपी दलबीर सिंह देओल की सरकारी पिस्टल से उनके माथे में गोली मार दी। इसके बाद उनकी लाश को नहर किनारे फेंक आया।
पुलिस पहले इस मामले को सड़क हादसा मान रही थी। लेकिन पोस्टमोर्टेम में डीएसपी को गोली मारने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जालंधर बस स्टैंड के पास जहां से डीएसपी दलबीर सिंह के दोस्तों ने नए साल वाली रात उन्हें ड्रॉप किया था, वहां से सीसीटीवी कैमरों की स्कैनिंग चालू की गई। पुलिस ने करीब 50 सीसीटीवी कैमरों की जांच की।
इस दौरान पुलिस को पता चला कि डीएसपी दलबीर सिंह देओल रात करीब साढ़े 12 बजे एक ई रिक्शा से वर्कशॉप चौक के पास उतरे। यहां उन्होंने मामे के ढाबे पर नॉनवेज खाया था। पुलिस ने बताया कि वर्कशॉप चौक से ई-रिक्शा चालक विजय डीएसपी को लेकर चला। इसके बाद पुलिस ने कई ऑटो चालकों को पूछताछ के लिए बुलाया, जिन में एक आरोपी विजय भी था। पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और हत्या की वजह भी बताई।
उसने बताया कि नशे में डीएसपी ने ऑटो चालक को गाली दी। यह चालक को बर्दाश्त नहीं हुआ। उसने डीएसपी की रिवॉल्वर से ही माथे पर गोली मारकर हत्या कर दी और फिर उनकी लाश नहर के पास फेंक दी। पुलिस अभी आरोपी से डीएसपी की सरकारी पिस्टल बरामद नहीं कर सकी है।
नए साल का जश्न मनाने गए थे डीएसपी, सुबह मिली थी लाश
अर्जुन अवार्ड विजेता डीएसपी दलबीर सिंह अपने दोस्तों के साथ नए साल पर पार्टी करने गए थे लेकिन घर नहीं लौटे। एक जनवरी को जालंधर में बस्ती बावा खेल नहर के पास उनका शव मिला था। दलबीर सिंह मूलरूप से कपूरथला के गांव खोजेवाल के रहने वाले थे और जालंधर स्थित पीएपी ट्रेनिंग सेंटर में तैनात थे।