भोपाल । मध्यप्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। छह जनवरी 2024 को 15वी विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और अगले चुनाव के लिए नेताओं ने दावेदारी ठोकना शुरू कर दी है। यही कारण है कि जो लोग यह समझते हैं कि सरकारी नौकरियों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है तो उन्हें बीजेपी और कांग्रेस के विधायक बनने का सपना देखना वालों की संख्या पर भी नजर डाल लेना चाहिए।
कांग्रेस के पास अभी तक 5000 नेताओं के बायोडाटा पहुंच रहे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी में भी 230 विधानसभा सीटों पर 4000 से ज्यादा दावेदार सामने आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही असमंजस की राजनीति में है. जिस प्रकार से प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है उसे देखकर आम लोग ही नहीं बल्कि बड़े नेता भी हैरान है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के चयन के लिए अलग-अलग नेताओं से मुलाकात कर उनसे बायोडाटा लिया जा रहा है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के एक से मिश्रा के मुताबिक पहले वरिष्ठ नेताओं ने जिला अध्यक्ष और शहर अध्यक्ष सहित बड़े पदाधिकारी से मुलाकात की।
इसके बाद विधायकों और संभावित दावेदारों से बातचीत की। अब प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, जितेंद्र सिंह भवर सहित बड़े नेता सभी कार्यकर्ताओं और दावेदारों से मुलाकात कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास साढ़े तीन हजार से ज्यादा बायोडाटा आ चुके हैं, जबकि यह क्रम लगातार जारी है. ऐसी संभावना है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी कर खुद को दावेदारों में खड़ा करने वाले नेताओं की संख्या 5000 के आसपास पहुंच जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी में दावेदारों की संख्या कम नहीं
मध्य प्रदेश की 20 सालों की राजनीति में 18 सालों तक सत्ता पर काबिज बीजेपी में भी दावेदारों की कमी नहीं है, भारतीय जनता पार्टी की ओर से 4000 दावेदार है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर भी हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं के बायोडाटा पहुंच चुके हैं। सबसे खास बात यह है कि जिन सीटों पर शिवराज सरकार के मंत्री काबिज है वहां भी दावेदारों की संख्या में कमी नहीं है।