उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस ने 18 साल पुराने हत्या के मामले में आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। आरोप है कि उसने अपने ही बेटे की फर्जी मौत की कहानी गढ़ी। इस कहानी को उसने बड़े ही शातिर तरीके से अंजाम भी दिया। फिर बीमा कंपनी से 56 लाख रुपये हड़प लिए। मामले का खुलासा हुआ तो वह कहीं भाग गया। पुलिस उसकी तलाश लंबे समय से कर रही थी। अब जाकर आरोपी पुलिस के हत्थे लगा है।
मामला आगरा के रकाबगंज क्षेत्र का है। 18 साल पहले आगरा किले के पास एक कार में आग लगी थी, जिसमें एक व्यक्ति की जलकर मौत होने की बात कही गई। मौत के नाम पर बीमा कंपनी ने 56 लाख रुपए परिवार को दे दिए। लेकिन बीमा कंपनी को बाद में पता चला जिसकी मौत की बात कही गई, वो गलत है। पैसे ऐंठने के लिए इस पूरे काम को अंजाम दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, विजयपाल का नोएडा के ट्रैवल एजेंसी का कारोबार था। कारोबार में नुकसान होने के चलते विजयपाल ने अपने साथी रामवीर और अभय सिंह के साथ मिलकर साजिश रची। विजयपाल ने अपने बेटे के कई इंश्योरेंस करवा रखे थे। इसकी रकम लेने के लिए विजयपाल ने अपने बेटे अनिल की झूठी मौत की साजिश रची। विजयपाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले तो एक मानसिक विक्षिप्त की हत्या की। उसके शव को अपने बेटे अनिल के कपड़े पहनाए। फिर उसको अनिल की कार में बैठा कर आग लगा दी।
सभी जगह बताया कि आगरा किले के पास अनिल का एक्सीडेंट हुआ। कार में आग लगी और उसकी मौत हो गई। अनिल की मौत के झूठे कागजात तैयार करवाए गए। फिर उनको बीमा कंपनी में जमा करवाया। बाद में बीमे के 56 लाख रुपए कंपनी से ले लिए।
इस फर्जी हत्याकांड के बाद अनिल और उसका पिता गुजरात में जाकर रहने लगे। बीमा कंपनी को फिर किसी ने बताया कि अनिल तो अपने पिता के साथ है। इसके बाद बीमा कंपनी ने गुजरात पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने गुजरात से मास्टर माइंड विजयपाल और उसके बेटे अनिल को गिरफ्तार कर लिया। फिर इसकी जानकारी आगरा पुलिस को दी। गुजरात और आगरा पुलिस ने मिलकर विजयपाल के साथी रामवीर को भी गिरफ्तार किया। अभय की तलाश जारी है।