उज्जैन: महाकाल मंदिर में रोज भक्तों का मेला लगा रहता है. महालोक बनने के बाद ये संख्या लाखों में पहुंच गयी है. उसी अनुपात में चढ़ोतरी भी बढ़ गयी है. पिछले 8 महीने में मंदिर की आय बढ़कर 9 गुना हो गयी है. भक्त सोने चांदी के गहने तक दान कर रहे हैं.

महाकालेश्वर मंदिर में हजारों और लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है. 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से इसमें और इजाफा हुआ है. इसका सीधा असर मंदिर के दान पर पड़ा है. मंदिर की आय कई गुना बढ़ गयी है.

महाकाल मंदिर में लगी दान पेटियों में तो भक्त दान कर ही रहे हैं. मंदिर समिति की ऑनलाइन सुविधा में एडवांस बुकिंग कर भी दान दे रहे हैं. महाकालेश्वर मंदिर की आय 2 गुना बढ़ गई है. अप्रैल और मई 2023 में दो माह में मंदिर को कुल 27.77 करोड़ की आय हुई है. इधर मंदिर की आय बढ़ी तो खर्च भी दोगुना हो गया.

सोने-चांदी के गहने दान

महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आए श्रद्धलु दिल खोलकर दान करते हैं. कई श्रद्धालु ऐसे हैं जो सोने चांदी के गहने भी दान कर रहे हैं. इससे महाकाल मंदिर के खजाने में रिकॉर्ड आय हो रही है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल मंदिर समिति ने ऑनलाइन सेवा शुरू की है. भक्त उसके जरिए भी दान कर रहे हैं.

दो महीने में 27 करोड़ की आय

पिछले दो माह में मंदिर समिति को गर्भगृह में प्रवेश, शीघ्र दर्शन टिकट और भस्म आरती अनुमति शुल्क से 14.26 करोड़ रुपये की आय हुई थी. एक से 31 मई 2023 में मंदिर को 13.51 करोड़ की आय हुई है. अप्रैल और मई 2023 में दो माह में मंदिर को कुल 27.77 करोड़ की आय हुई है. पिछले साल की बात करें तो अप्रैल 2022 में सिर्फ 3.20 करोड़ रुपए महाकाल मंदिर समिति को दान मिला था.

महाकाल मंदिर में 1 से 31 मई तक आय

इसमें गर्भगृह में प्रवेश, शीघ्र दर्शन टिकट और भस्म आरती अनुमति शुल्क से मंदिर समिति को कुल 13.51 करोड़ रुपए की आय हुई है. कुल दो माह अप्रैल और मई 2023 में 27.77 करोड़ रुपए की आय हुई.

आय बढ़ी तो खर्च भी बढ़ा

महाकालेश्वर मंदिर की आय दोगुनी हुई तो खर्चा भी बढ़ गया. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर खर्च भी दोगुना हो गया. महाकाल मंदिर और महाकाल लोक का खर्च प्रति माह करीब ढाई करोड़ था. जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई तो महाकाल मंदिर का खर्चा भी बढ़कर 5 करोड़ से ऊपर हो गया है. महाकाल में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासक अब और भी सुविधाएं ऑनलाइन करने का मन बना रहे हैं. इसे जल्द शुरू कर दिया जाएग.

सब कुछ एडवांस

मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया गर्भगृह में प्रवेश, शीघ्र दर्शन टिकट और भस्म आरती अनुमति शुल्क को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है. भक्त पहले रसीद कटवाने के लिए लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इन्तजार करते थे. अब वे अपने शहरों से ऑनलाइन टिकट बुक कर सीधे दर्शन के लिए पहुंचने लगे हैं. भक्तों को एडवांस सुविधा मिली तो मंदिर समिति को भी एडवांस में राशि मिलने लगी है.