जबलपुर । मध्यप्रदेश के जबलपुर से सेंट्रल जीएसटी के अफसरों को सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। अगले दिन की कार्रवाई में और बड़े खुलासे हुए हैं। सीबीआई को जांच के दौरान पांचों आरोपी अधिकारियों के घर और ऑफिस से बड़ी राशि मिली है। इसके बाद सीबीआई के अधिकारी हैरान हैं। जीएसटी अधीक्षक कपिल कांबले के घर से तीन लाख रुपए मिले हैं। वहीं, जीएसटी इंस्पेक्टर प्रदीप हजारी के घर से मिले 41 लाख रुपए मिले हैं
यही नहीं प्रदीप हजारी के ऑफिस केबिन से भी 16.88 लाख रुपए मिले हैं। जीएसटी इंस्पेक्टर विकास गुप्ता के घर से 18.29 लाख रुपए और विकास गुप्ता के ऑफिस केबिन से 1.50 लाख रुपए और जीएसटी इंस्पेक्टर वीरेंद्र जैन के ऑफिस केबिन से 2.60 लाख रुपए मिले हैं। जीएसटी अधिकारियों के घरों से मिले कुल 62.29 लाख रुपए हैं। इसके साथ ही अधिकारियों के ऑफिस केबिन से भी 20.97 लाख रुपए बरामद हुए हैं। सीबीआई की छापेमारी के दौरान अधिकारियों से अब तक 83.26 लाख रुपए की राशि बरामद की गई है।
गुटखा कारोबारी की शिकायत पर सीबीआई ने जीएसटी सुपरिटेंडेंट कपिल कांबले, इंस्पेक्टर विकास गुप्ता, इंस्पेक्टर प्रदीप हजारी और इंस्पेक्टर वीरेंद्र जैन को किया गिरफ्तार किया है। बुधवार की दोपहर सभी को सीबीआई कोर्ट लेकर पहुंची है। सुनवाई के बाद सीबीआई ने जीएसटी के सभी अफसरों को छह दिन की रिमांड पर लिया है। इन्हें ऑफिस में ही सात लाख रुपए की रिश्वत के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को अब 20 जून को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
एक करोड़ रुपए की मांगी थी रिश्वत
दरअसल, सीजीएसटी अफसरों की यह टीम ने दमोह स्थित एक पान मसाला फैक्ट्री पर छापेमारी की थी। इसके बाद उसे सील कर दिया गया था। फैक्ट्री के मालिक राजस्थान निवासी त्रिलोकचंद सेन हैं। उनसे सीजीएसटी के अफसरों ने मामला खत्म करने के लिए एक करोड़ की रिश्वत मांगी थी। इसकी शिकायत उन्होंने सीबीआई में की थी। आरोपी अफसर जब रिश्वत के रूप में सात लाख रुपए ले रहे थे, तब सीबीआई की टीम ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।