सागर । मध्यप्रदेश में भले ही लोकायुक्त पुलिस रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारियों पर आए दिन कार्यवाही कर रही है बावजूद इसके रिश्वतखोर कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। सोमवार को एक बार फिर सागर लोकायुक्त पुलिस ने टीम ने दो शासकीय सेवकों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया हैं। मुख्य आरोपी कृषि उपज मंडी का सचिव है जो अपने साथी क्लर्क के साथ माल का सत्यापन करने के एवज में 8340/- रुपये की रिश्वत लेते पकड़ाया है।

सागर लोकायुक्त एसपी रामेश्वर यादव ने जानकरी देते हुए बताया कि ग्राम सिकुर्च जिला पिथौरागढ़ उत्तराखंड निवासी गोविन्द वल्लभ की फर्म ने शिकायत की थी कि कृषि उपज मंडी बीना में फसल की खरीदी की थी। जिसके सत्यापन करने के लिए बीना कृषि उपज मंडी के सचिव और क्लर्क द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है। आवेदन में शिकायतकर्ता ने बताया था कि सत्यापन के एवज में मंडी सचिव सचिव नवल सिंह और क्लर्क (सहायक ग्रेड 3) नितिन कुमार रैकवार रिश्वत की मांग कर रहे हैं।

लोकायुक्त पुलिस में शिकायत मिलने के बाद सागर एसपी ने शिकायत की पुष्टि करने के बाद आवेदक को समझाइश देकर सचिव और क्लर्क से रिश्वत देने के लिए हामी भरने और समय और स्थान तय करने की बात करने के लिए कहा और एक टेप रिकॉर्डर भी दिया, आवेदक गोविन्द वल्लभ ने लोकायुक्त पुलिस की प्लानिंग के मुताबिक रिश्वत मांगने का सबूत इकट्ठा किया। जहां सबूत मिलने के बाद लोकायुक्त टीम ने आज सोमवार को अपने प्लानिंग के तहत तय समय में आवेदक गोविंद बल्लभ को कृषि उपज मंडी जाकर रिश्वत देने की बात कही।

आवेदक गोविन्द वल्लभ कृषि उपज मंडी बीना कार्यालय पहुंच मंडी सचिव नवल सिंह और क्लर्क नितिन कुमार से मुलाकात कर उन्हें रिश्वत की राशि 8340/- रुपये दिए। जहां पहले से घात लगाए बैठे लोकायुक्त पुलिस तत्काल मंडी कार्यालय में छापा मारकर सचिव नवल सिंह और क्लर्क नितिन कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब दोनों रिश्वतखोर कर्मचारियों के हाथ धुल बायतु उनके हाथ गुलाबी हो गए। लोकायुक्त की टीम ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।