लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने पुलिसकर्मियों से तंग आकर अपनी जान दे दी. आशीष नाम का युवक यूपीएससी की तैयारी करता था.उसका सपना था कि एक बार परीक्षा पास कर लेगा तो ना सिर्फ अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाएगा बल्कि एक दिन इस देश की व्यवस्था को संभालने वाला ईमानदार अधिकारी भी बनेगा. लेकिन कुछ पुलिसवालों ने उसके खिलाफ ऐसा कुचक्र रच दिया जिसमें उसे अपनी जान देनी पड़ी.
अब खुदकुशी करने के बाद आशीष का सुसाइड नोट मिला है जिसमें पुलिस द्वारा परेशान किए जाने का जिक्र है. सुसाइड नोट में लिखा गया है, ‘सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. धोखे से हम भाइयों को थाने बुलाकर सादे पेपर पर साइन करवा लिया है. मैं खुदकुशी करने जा रहा हूं, रहिमाबाद थाना पूरा भ्रष्ट है.’
छात्र को फर्जी केस में फंसाया गया
दरअसल जब आप ये पूरा मामला जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे. नंदू विश्वकर्मा नाम के शख्स के साथ पीड़ित परिवार का एक पुराना केस चल रहा था. दावा है कि नंदू विश्वकर्मा के साथ पुलिस ने मिलीभगत करके एक नया केस आशीष और उसके भाई के खिलाफ दर्ज करा दिया.
आरोप है कि लखनऊ के रहिमाबाद थाने के राजमणि, लल्लन और मोहित तीन पुलिसवालों ने केस हल्का करने के लिए 50 हजार रुपए मांगे. इसके बाद सुसाइड नोट में पुलिस को जिम्मेदार बताते हुए आशीष ने जान दे दी. छात्र के खुदकुशी कर लेने के बाद अब इस मामले की जांच शुरू हो गई है और आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी: मंत्री
इस पर यूपी सरकार में मंत्री दानिश अंसारी ने कहा कि लखनऊ में पढ़ाई कर रहे लड़के की आत्महत्या की घटना गंभीर है और यूपी सरकार इस समय परिवार के साथ खड़ी है.उन्होंने कहा कि तुरंत ही दोषियों के खिलाफ करवाई की गई है, कोई बक्शा नहीं जाएगा. यह सपा का शासन काल नहीं है. वहीं मुख्य विपक्षी दल सपा के प्रवक्ता अमीक जामेई ने यूपी पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘शुक्र है उस लड़के को पुलिस ने गोली नहीं मारी. जो छात्र हैं उनसे मौके छीने गए, आशीष बैकवर्ड था. आशीष जैसी हजारों कहानियां रोज़ यूपी में आती हैं.
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के भ्रष्ट और निर्लज्ज सिस्टम ने एक होनहार युवक की जान ले ली और जिम्मेदार कोई नहीं, पार्टी के शासन में पुलिस का जो आताताई, निर्मम और संवेदनहीन रवैया है वो इस घटना से सामने आ गया है.