पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। इस दौरान उनकी शादी को लेकर हमेशा चर्चा होती है। कई लोगों के साथ उनके नाम भी जुड़ते रहे हैं। अब बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से कथित विवाह की कामना लेकर एमबीबीएस की छात्रा शिवरंजनी तिवारी ने पदयात्रा निकाली है। वह श्री गंगोत्री धाम से बागेश्वर धाम तक सिर पर गंगा जल का कलश लेकर पदयात्रा शुरू की है। शिवरंजनी तिवारी ने कहा कि हम गुरुदेव के आदेश पर गंगोत्री से बागेश्वर धाम के लिए निकले हैं।
गंगोत्री से गंगा जल लेकर पदयात्रा कर रही शिवरंजनी
एमबीबीएस की छात्रा शिवरंजनी तिवारी अचानक से चर्चा में आ गई है। वह गंगोत्री के गंगा जल लेकर चित्रकूट पहुंची थी। शिवरंजनी को पदयात्रा करते हुए बागेश्वर धाम पहुंचना है। वह 16 जून को वहां पहुंचेगी। शिवरंजनी ने कहा है कि हम अपनी कामना बालाजी के सामने रख दी है। 16 जून को बागेश्वर धाम में इसके बारे में बताएंगे।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शिवरंजनी करेगी शादी?
वहीं, कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि शिवरंजनी बागेश्वर सरकार से शादी की कामना लेकर जा रही हैं। शिवरंजनी तिवारी ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में इस सवाल का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि ये मेरी कामना है या नहीं, ये सिर्फ मेरे बालाजी सरकार जानते हैं। विवाह के बारे में सिर्फ बालाजी सरकार को ही पता है। इसके बारे में जो भी सच्चाई है, इसे लेकर हम सभी लोग 16 जून को बागेश्वर धाम से लाइव आएंगे। वहां से हम लाइव बता देंगे कि हमारी कामना क्या है।
पहली बार में मंत्रमुग्ध हो गई शिवरंजनी
शिवरंजनी तिवारी ने कहा कि मैं 2021 से बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को फॉलो कर रही हूं। उनकी कथा सुनकर मैं पहली बार में ही मंत्रमुग्ध हो गई थी। शिवरंजनी ने कहा कि मैं भी भागवत कथा कहती हूं। उन्होंने कहा कि उनकी तीन बड़ी घोषणाएं हमें प्रभावित करती हैं। उनमें एक कैंसर अस्पताल की घोषणा है। किसी भी डॉक्टर के लिए इससे बड़ी खुशी नहीं होगी।
चार साल की उम्र से गा रही भजन
वहीं, शिवरंजनी ने कहा कि मैं चार साल की उम्र से भजन गा रही हूं। अध्यात्म के प्रति लगाव बचपन से ही रहा है। अभी वह एमबीबीएस कर रही है। वहीं, बागेश्वर सरकार के विवादों को लेकर कहा कि वह अंतर्यामी हैं। उनकी अलौकिक शक्ति पर संदेह करना गलत होगा। शिवरंजनी ने कहा कि हमारी पदयात्रा बहुत ही आनंददायी है। अभी तक कोई रुकावट महसूस नहीं हुई है।
किस्मत का लिखा कोई नहीं बदल सकता
शिवरंजनी से सवाल किया गया कि बागेश्वर धाम पहुंचकर आगे क्या करेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं पता है। सब कुछ बालाजी को पता है क्योंकि किस्मत का लिखा कोई बदल नहीं सकता है। शिवरंजनी ने कहा कि हमारे समाज में लोग नास्तिक होना गर्व का विषय का समझते हैं। हमें हमेशा बालाजी का साथ मिलता रहा है। सभी लोगों को सनातन धर्म पर गर्व होना चाहिए। साथ ही इससे जुड़े रहे। इस यात्रा में शिवरंजनी तिवारी के पिता, भाई और अन्य लोग भी शामिल हैं।