भोपाल । केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर बड़ा बयान दिया है। सिंधिया ने कहा है कि वे किसी पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं। उनका एकमात्र मकसद लोगों की सेवा करना है। उनकी सोच हमेशा यह होती है कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, उस पर खरे उतरें।

हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाऊ के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2023 में बोलते हुए कहा कि वे किसी पद की लालसा में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में नहीं आए थे। उन्होंने कांग्रेस इसलिए छोड़ी थी क्योंकि उन्हें बार-बार अपमानित किया गया। कांग्रेस पार्टी ने लोगों से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया। जब बात एक सीमा से बाहर चली गई तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया क्योंकि उनका मकसद केवल जनसेवा है।

सिंधिया ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वे भविष्य में आगे बढ़ने की इच्छा नहीं रखते। उनकी भी महत्वाकांक्षाएं हैं। हर इंसान की तरह वे भी नई जिम्मेदारियों की अपेक्षा रखते हैं। वे दौड़ में तो शामिल हैं, लेकिन किसी पद के लिए नहीं। उनकी दौड़ जनसेवा के लिए है। लोगों की उम्मीदें पूरी करने के लिए है।

कॉन्क्लेव में सिंधिया ने कहा कि उनके पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया हमेशा एक बात कहते थे। जीवन का मकसद राजनीति करना या कोई पद हासिल करना नहीं होना चाहिए। जीवन का एकमात्र लक्ष्य जनकल्याण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे शुरुआत से ही अपने पिता की इस बात को मानते हैं। इतने वर्षों तक राजनीति में रहने के बाद भी उनकी सोच में कोई बदलाव नहीं आया है।