ग्वालियर। मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ गोविंद सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार पर राज्य का पैसा गुजरात के लोगों को बांटने , लूट करने का आरोप लगाया है। साथ ही मुख्यमंत्री पर धर्म के नाम पर भी घोटाला और भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है।
डॉ गोविंद सिंह ने आज अपने प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि मध्यप्रदेश के लोगों की गाढी कमाई गुजरात को लुटवाई जा रही है। उन्होने कहा कि यह सब एक साजिश के तहत हो रहा है। डॉ गोविंद सिंह ने आरोप लगाते हुये कहा कि सबसे पहले सरकार सहकारिता के क्षेत्र में चल रही सांची दुग्ध संघ को समाप्त करने पर तुली है। वहीं गुजरात की सहकारिता क्षेत्र की अमूल द्वारा तीन बार में अपने उत्पादों में दूध में नौ रूपये की बढोत्तरी की है । और सरकार अपने यहां के दुग्ध संघ को बंद करने पर विचार कर रही है। उन्हांेने कहा कि जब वह स्वयं सहकारिता मंत्री थे उस समय दुग्ध संघ 50 करोड के लाभ में थी लेकिन अब वही दुग्ध संघ घाटे में चल रही है। उन्हांेने बताया कि मध्यप्रदेश के युवा इन दिनों गुजरात में टिकिया बेचने, पोलिसिंग करने, पत्थर कटिंग आदि का कार्य कर रहे हैं। यह सब साजिश के तहत है। उन्होंने कहा कि पहले दुग्ध संघ से ही लहार से लेकर आसपास के कस्बों के युवा काम करते थे। लेकिन अब चिलिंग प्लांट पर काम नहीं होने से वह बेरोजगार है। उन्हांेने कहा कि अगले एक वर्ष में सांची नाम ही समाप्त हो जायेगा। वह राज्य में देखने को नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में जितनी भी कंपनियां काम कर रही है वह अधिकतर गुजरात की ही है। नल जल योजनाओं में लगी कंपनियों द्वारा काम पूरा नहीं करने के बाद भी कार्य पूर्ण होने के सर्टिफिकेट सरपंच और सचिवों से ले लिये हैं इसके लिए अधिकारी अपनी मजबूरी बताकर सर्टिफिकेट ले रहे हैं।
उन्हांेने बताया कि इसी प्रकार से बीएसएनएल को बंद कर जिओ को लाभ पहंुचाने के लिए अंबानी को लाभ पहुंचाने सरकार काम कर रही है। इतना ही नहीं गुजरात की कंपनियां जिस काम को 2021 में करना था उसे लगातार बढाते हुये और समय मांग रही है।
डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि क्या राज्य में टेलेंटेड युवाओं की कमी है जिससे गुजरात की कंपनियों को काम दिया जा रहा है। उन्हांेने महाकाल लोक में मूर्तियां टूटने को लेकर कहा कि भगवान पवन पुत्र ने मुख्यमंत्री के घोटाले की पोल खोल दी। वहीं मुख्यमंत्री ने किसी के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की वहीं कलेक्टर तक को क्लीन चिट दी है। इतना ही नहीं गुजरात की कंपनी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने वाले एसपी मकवाना को तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री ने हटवा दिया। कलेक्टर ने किसी के खिलाफ कार्रवाई तो नहीं की बल्कि कह दिया कि दो जून तक सब ठीक हो जायेगा। इससे लगता है कि कलेक्टर भी घोटाले में शामिल हैं। उन्हांेने आरोप लगाते हुये कहा कि नर्मदा परिक्रमा में मुख्यमंत्री ने 530 करोड के पेड लगवाये थे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने जब नर्मदा परिक्रमा की तब हमने इस मुददे को उठाया था। वहीं सिहस्थ में हुये भ्रष्टाचार तक को उन्हांेने जनता के सामने विधानसभा पटल से लाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने महाकाल लोक तक को भ्रष्टाचार की गंगा से नहीं छोडा। उन्होने कहा कि सीएम के पाप का घडा भर गया है। उन्हांेने जनता से अपील की कि मुख्यमंत्री शिवराज और प्रधानमंत्री मोदी को धर्म के नाम पर घोटाले करने वालों को सबक सिंखायें।
डॉ गोविंद सिंह ने दस्तावेजों के हवाले से बताया कि गुजरात की कंपनियां कम रेट में काम लेकर उसे लंबित कर काम का रेट चार गुना तक कर रहीं है। वहीं जिस कंपनी ने महाकाल लोक का काम किया उसने जो एग्रीमेंट किया है वह गुजराती भाषा में है जबकि मध्यप्रदेश मे हिन्दी और अंग्रेजी बोली समझी जाती है। उसके दस्तावेज भी डॉ गोविंद सिंह ने पत्रकारों को उपलब्ध कराये।