मुंबई। बॉलीवुड में कुछ भी सदा के लिए नहीं होता। न दोस्ती और न दुश्मनी। यही वजह है कि आज अच्छे दोस्तों की तरह नजर आने वाले करण जौहर और करीना कपूर के रिश्ते एक समय ऐसे थे कि उन्होंने महीनों तक बातचीत नहीं की। बीते बरसों में ऐसे मौके भी आए, जब करीना ने करण की फिल्म के लिए हां कह कर ना कहा। कभी यह भी हुआ कि करण ने करीना को फिल्म के लिए हां कह कर उन्हें नहीं लिया। वास्तव में करण जौहर और करीना के रिलेशन हमेशा कभी हां कभी ना टाइप के रहे हैं। खुद करण जौहर ने इस बारे में अपनी आत्मकथा एन अनसूटेबल बॉय में खुल कर लिखा है।
करण ने इस किताब में बताया है कि नौ महीने से अधिक समय तक उनके और करीना के बीच बातचीत नहीं रही। वजह थी, पैसा! करण के अनुसार करीना ने उनकी होम प्रोडक्शन फिल्म में काम करने के बहुत ज्यादा पैसे मांगे थे और वहीं से अनबन की शुरूआत हुई। असल में 2002 में जिस हफ्ते यशराज फिल्म्स की मुझसे दोस्ती करोगे रिलीज हुई थी, उसी वीकेंड पर करण जौहर ने करीना को फोन किया था। मुझसे दोस्ती करोगे के डायरेक्टर कुणाल कोहली थे, जो कभी प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा के असिस्टेंट थे। फिल्म फ्लॉप हो गई। इससे करीना नाराज थीं। तभी करण ने उन्हें फोन करके कल हो ना हो ऑफर की। जिसका डायरेक्शन उनके असिस्टेंट रहे, निखिल आडवाणी कर रहे थे। करीना का तर्क था कि किसी के भी असिस्टेंट पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
करण ने बताया कि जब करीना को उन्होंने निखिल के डायरेक्शन में बनने वाली कल हो ना कल ऑफर की तो एक्ट्रेस ने कहा कि वह तभी काम करेंगी, जब उन्हें शाहरुख खान के बराबर फीस दी जाएगी। यह सुन कर करण जौहर हैरान रह गए। उन्होंने साफ शब्दों में करीना से कह दिया, ‘सॉरी।’ करण ने किताब में बताया कि करीना की फीस की इस डिमांड ने उन्हें आहत किया। तब उन्होंने करीना की जगह फिल्म में प्रीति जिंटा को साइन किया। करण के अनुसार उनके पिता इस फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे थे और वह करीना को लेना चाहते थे। तब पिता के कहने पर करण ने करीना को फिर से फोन लगाया, परंतु करीना ने उनका फोन नहीं उठाया। इससे करण जौहर करीना से इतने नाराज हुए कि दोनों के बीच बातचीत बंद हो गई। करीब एक साल तक दोनों एक-दूसरे से बात नहीं की। जबकि कई बार फिल्मी पार्टियों में उन्होंने एक-दूसरे को देखा।