भोपाल । मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अंदरुनी खींचतान से परेशान है. बीजेपी नेता ऐसे बयान दे रहे हैं जिसके कारण शीर्ष नेतृत्व को आगे आकर उन्हें समझाना पड़ रहा है कि वे ऐसा कोई काम न करें जिससे पार्टी की छवि खराब हो. इसी क्रम में राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने गुना-शिवपुरी के सांसद केपी यादव को फटकार लगाई. केपी यादव को फटकार उनके एक बयान के कारण लगाई गई है.

केपी यादव ने दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ बयान दिया था. उनपर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए केपी यादव ने कहा था कि यादव समाज के सम्मेलन में मुझे छोड़कर सभी को बुलाया गया. बड़े लोगों को तोड़ने की नहीं, जोड़ने की राजनीति करनी चाहिए. वहीं, सिंधिया ग्रुप की नेता इमरती देवी ने यह दावा किया था कि केपी यादव को इस बार टिकट नहीं मिलेगा.

मेयर के पति को भेजा गया नोटिस
केपी यादव को जहां फटकार लगाई गई है वहीं मेयर संगीता तिवारी के पति को बीजेपी प्रदेश कार्य़समिति के सदस्य सुशील तिवारी को नोटिस जारी किया गया है. दरअसल, उन्होंने मौजूद प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला था और नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की थी. इस नोटिस के एक घंटे के अंदर ही सुशील तिवारी ने माफी मांग ली. उन्होंने दावा किया कि यह सोशल मीडिया पोस्ट दफ्तर के स्टाफ की गलती से हुआ है और उसे नौकरी से हटा दिया गया है.

पार्टी में नई एंट्री वालों को नहीं पता नियम- राजबहादुर सिंह
बीजेपी के बीच एक रार मंत्रियों के बीच भी ठनी हुई थी. हालांकि इसे सुलझा लिया गया था लेकिन इस बीच मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश राजपूत ने अन्य मंत्री पर तंज कसता हुआ ट्वीट कर दिया था. इस पर सागर के सांसद राजबहादुर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा था कि कुछ लोगों की पार्टी में नई एंट्री हुई है और ये सोशल मीडिया पर कुछ भी लिख देते हैं. ये वैसे लोग हैं जो बीजेपी की नीति से वाकिफ नहीं हैं.