नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाजारों में दो हजार के नोट तेजी से प्रचलन में आए हैं। लोग बड़ी संख्या में 2,000 रुपये के नोट लेकर आने लगे हैं। दिल्ली के बाजारों में नकदी से होने वाली खरीदारी अचानक बढ़ गई है। वहीं यूपीआई से होने वाले भुगतान में बड़ी गिरावट देखी की जा रही है। बाजार और खरीदारों के नए ट्रेंड को देखते हुए दिल्ली के दुकानदारों और कारोबारियों ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है। दुकानदार 2,000 रुपये के नोट तो ले रहे हैं लेकिन उन्होंने अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है। अब वे खरीदारों से कम-से-कम 1,000 रुपये का सामान खरीदने के लिए कह रहे हैं।

कारोबारियों ने सोमवार को कहा कि 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के रिजर्व बैंक के ऐलान के बाद भी खरीदारी के लिए इन नोट को स्वीकार किया जा रहा है। पहले से रखे इन नोट को लेकर कुछ खरीदार तो बहुत कम कीमत के सामान खरीदने के लिए भी आ रहे हैं।

सरोजनी नगर मार्केट के एक कारोबारी ने कहा कि पिछले कई महीनों से 2,000 रुपये के नोट देखने को भी नहीं मिले थे लेकिन रिजर्व बैंक के ऐलान के बाद हर दूसरा शख्स इसी नोट को लेकर आ रहा है। ऐसा लगता है कि लोग अपने पास मौजूद 2,000 रुपये के नोट को किसी तरह खपाना चाहते हैं। हालांकि रिजर्व बैंक ने कहा है कि 30 सितंबर तक बैंकों में जाकर इन नोट का जमा या बदला जा सकता है।

सरोजनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने कहा- लोग हमसे 100-200 रुपये के सामान खरीद रहे हैं और 2,000 रुपये के नोट थमा रहे हैं। हमें कल कारोबारियों से यह शिकायत मिली कि नकदी से होने वाली खरीदारी अचानक बढ़ गई है। एक दिन पहले तक हर कोई यूपीआई से भुगतान करना चाहता था लेकिन अब अचानक ही नकद खरीद होने लगी है।

अशोक रंधावा ने कहा कि कारोबारियों को 2,000 रुपये के नोट स्वीकार करने के लिए कहा गया है। लोग अपने पास रखे 2,000 रुपये के नोट से छुटकारा पाने के लिए दुकान आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें यूपीआई से भुगतान करने के लिए कहने को कोई मतलब नहीं है। राहत की बात यह है कि स्टेट बैंक की तरफ से 2,000 रुपये का नोट बदलने के लिए किसी भी तरह की पर्ची भरने की जरूरत नहीं होने संबंधी स्पष्टीकरण से राहत मिली है।

दिल्ली में गांधीनगर स्थित थोक रेडीमेड कपड़ा डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष केके बल्ली ने एक मजेदार बात कही। उन्होंने कहा कि बाजार में 2,000 रुपये का नोट लेकर आने वाले खरीदारों की तादाद बढ़ गई है। ऐसे में हमने भी रणनीति बदली है। हम 2,000 रुपये का नोट स्वीकार तो कर रहे हैं लेकिन खरीदारों से कम-से-कम 1,000 रुपये का सामान खरीदने के लिए कह रहे हैं। लब्बोलुबाब यह कि मौजूदा वक्त में बाजार में करेंसी का चलन बढ़ गया है। लोग 2,000 के नोट खपाना चाह रहे है तो कारोबारी भी मौके की नजाकत को भांपते हुए बाजार के बदले रुख का फायदा उठाना चाहते हैं।