भोपाल । चुनावी साल सियासी दलों के लिए काफी अहम होता है। सत्ताधारी दल के लिए बड़ी चुनौती वाला। मध्यप्रदेश में भी लगभग यही हाल है, यही कारण है कि राज्य की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने मतदाताओं का दिल जीतने के लिए सौगातों की बरसात तेज कर दी है। राज्य में भाजपा के लिए सत्ता में वापसी बहुत आसान नहीं है, यह बात पार्टी भी बेहतर तरीके से समझ रही है। इसका कारण भी है क्योंकि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। यह बात अलग है कि कांग्रेस के अंदर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में हुई बगावत ने भाजपा को सत्ता में ला दिया। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कोई चूक न रह जाए, यही कारण है कि सरकार की ओर से हर वर्ग को खुश करने के दाव चले जा रहे हैं।

बीते कुछ माह की सरकार की गतिविधियों पर गौर किया जाए तो यह बात साफ नजर आती है कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार उन वर्गों को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती जो चुनावी नतीजों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। मसलन महिला, युवा और किसान के लिए सरकार की ओर से योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।

लाडली बहना योजना पर फोकस
राज्य सरकार ने महिलाओं के बीच अपनी पैठ को और मजबूत करने के लिए जहां लाडली लक्ष्मी योजना 0.2 को आगे बढ़ाया तो वही लाडली बहना को जमीन पर उतारने का अभियान चलाया है। राज्य में तय शर्तों को पूरा करने वाली महिलाओं को हर माह एक हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान लाडली बहना योजना में किया गया है और जून माह में यह राशि उनके खाते में भी आने लगेगी।

भू-अधिकार योजना
शिवराज सिंह चौहान उस वर्ग को भी साधने की कोशिश कर रहे हैं जो ग्रामीण और शहरी इलाके में रहता है। इसी तरह आवासहीन लोगों के लिए मुख्यमंत्री भू अधिकार योजना अमल में लाई गई है, जिसमें गरीबों को भूखंड उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

युवा कौशल योजना
एक बड़ा वोट बैंक है युवाओं का जिनके लिए सरकार ने युवा कौशल कमाई योजना बनाई है। इस योजना में युवाओं को नौकरी लगने तक ट्रेनिंग के लिए आठ हजार हर महीने दिए जाएंगे। इतना ही नहीं राज्य सरकार में युवाओं को शिक्षा, खेल, संस्कृति और रोजगार से जुड़ी सिफारिशें तैयार करने के लिए युवा आयोग का भी गठन किया है।

किसानों की कर्जमाफी
एक अन्य बड़ा वर्ग है किसान क्योंकि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कर्ज माफी योजना ने इसे बढ़ा प्रभावित किया था और कहा तो यहां तक जाता है कि किसानों के कारण ही भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। यही कारण है कि सरकार ने ब्याज माफी योजना को न केवल मंजूरी दी है बल्कि दो लाख तक के कर्ज दार किसानों के ब्याज माफ भी कर दिए हैं। बता दें कि कांग्रेस ने भी 2018 में कर्जमाफी की घोषणा की थी जिसके बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी।

जनता को धोखा दे रही है सरकार
राज्य सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए किए जा रहे वादों को कांग्रेस जनता को महज एक बार फिर धोखा देने की कोशिश बता रही हैं। कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय यादव का कहना है कि भाजपा पूरी तरह जनता को धोखा देने की कोशिश कर रही हैं। पहले जहां 34 हजार वादे किए जनता को धोखा दिया और अब भी धोखा देने से बाज नहीं आ रहे हैं। भाजपा की 19 साल से सरकार है और अगर उन्हेंने अपने वादों को पूरा किया होता तो क्या यह स्थिति होती। अब जनता इन्हें जान चुकी है और इनके झांसे में नहीं आने वाली।

बीजेपी पूरा करती है वादा
वहीं, भाजपा के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि भाजपा जो कहती है वह करती है, भाजपा का टेक रिकार्ड है कि 2003 से जो वादा किया उसके पूरा किया है, जनता इसे जानती है। सड़क, बिजली की स्थिति हो या किसानों को शून्य प्रतिशत पर कर्ज देने की बात। जहां तक कांग्रेस की बात है तो उसका जो टेक रिकार्ड है वही उसको नजर आएगा। उनकी नजर ही धुंधली है तो हम क्या करें।

राज्य का बढ़ेगा बोझ
समाज के जानकारों का मानना है कि सत्ताधारी दल हो या विपक्षी दल दोनों ही जनता को खुश करने के लिए वादों की बरसात किए हुए है, यह सीधे तौर पर कर अदा करने वालों पर बोझ बढ़ाने वाला है। राजनीतिक दलों को यह भी बताना चाहिए कि यह राशि आएगी कहां से। विकास का पैसा अपने वादे पूरा करने में खर्च किया जाएगा या आमजन पर बोझ बढाया जाएगा।