मुरैना । मुरैना जिले के लेपा गांव में शुक्रवार को हुए गोलीकांड के बाद शाम को ही मृतकों के शव गांव पहुंच गए थे, लेकिन उन्होंने अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया। परिजनों की मांग थी कि उन्हें लाइसेंसी बंदूक दी जाए, आरोपियों के घर तोड़े जाएं, साथ ही पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए। अधिकारियों के आश्वासन के बाद शनिवार सुबह परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए, जिसके बाद पुलिस सुरक्षा में सभी 6 मृतकों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बता दें कि सिहोनिया थाना क्षेत्र के लेपा गांव मे एक साथ 6 लोगों की गोली मारकर हत्या को अंजाम अवैध हथियारों से दिया गया था। क्योकि हमलावरों के नाम से कोई शस्त्र लाइसेंस ही नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि इनके पास अवैध हथियार आए कहां से। गांव मे चर्चा तो यह भी है कि हथियार तो इनके पास कई दिन से थे, लेकिन हत्यारे पुलिस के मददगार थे! इसलिए उनसे यह बात पूछने की किसी की हिमाकत नहीं थी। पुलिस गांव आती तो इनके घर ही ठहरा करती थी। गांव या आस-पास की हर छोटी-बड़ी बात यह पुलिस से शेयर करते थे। क्योकि इनमे से कई लोगों ने नगर रक्षा समिति जोईन कर र ाी थी। मालूम हो कि शुक्रवार की सुबह लेपा गांव मे धीर सिंह तोमर सहित 9 हमलावरों ने गोलीबारी करके 3 महिलाओं सहित 6 लोगों की जान ले ली थी।
गोलीकांड के बाद से ही लेपा गांव में भारी पुलिस बल तैनात है। दूसरे दिन शनिवार को गांव की हर गली में रिजर्व फोर्स के जवान तैनात हैं। पुलिस शुक्रवार की शाम को ही शवों के पोस्टमॉर्टम के बाद शव गांव लेकर पहुंच गई थी, लेकिन परिजन ने शव लेने से मना कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने शवों को एम्बुलेंस में रखकर गांव की स्कूल में ही रात गुजारी। इस दौरान पुलिस ने परिजनों को मनाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। शनिवार सुबह से अधिकारियों ने फिर अपने प्रयास शुरू किए। आखिरकार परिजन पीड़ित परिवार को दो हथियारों के लाइसेंस और 24 घंटे सुरक्षा के आश्वासन पर अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। इसके बाद शवों को एम्बुलेंस में ही श्मशान घाट ले जाया गया। अंतिम संस्कार के लिए शव यात्रा भी नहीं निकाली गई। परिवार को कुछ देर के लिए शवों को देखने की इजाजत मिली। इसके उपरांत आसन नदी के किनारे सभी मृतकों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस मामले में जिले के एसपी का कहना है कि शस्त्र लाइसेंस के लिए परिवार में जो भी पात्र होगा, उसे लाइसेंस मिल जाएंगे। साथ ही सुरक्षा के लिए चार आरक्षक और एक हेड कॉन्स्टेबल की नियुक्ति होगी, जो पाली के हिसाब से 24 घंटे परिवार के साथ होंगे। वहीं, आरोपियों के घर तोड़ने की मांग पर एसडीएम एलके पांडे का कहना है कि आरोपियों के परिवार को नोटिस दिया गया है। मामले के दो आरोपियों धीरसिंह तोमर और राजूसिंह तोमर को पुलिस ने शुक्रवार शाम को ही गिरफ्तार कर लिया था। बाकी 7 आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस ने सभी 7 फरार आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।