मुरैना । एमपी में मुरैना जिले के लेपा गांव में शुक्रवार को एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या कर दी गई। जमीन के एक टुकड़े को लेकर दस साल पहले शुरू हुए विवाद में एक पक्ष ने दूसरे परिवार के तीन पुरुष और तीन महिलाओं को मौत की नींद सुला दिया। यह सब कुछ इतना अप्रत्याशित था कि पीड़ित परिवार के लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिला। इधर, हमला करने वाले पहले से पूरी तैयारी करके बैठे थे। उन्होंने जमीन पर गिरे लोगों को भी नजदीक से गोली मारी जिससे उनके जिंदा बचने की कोई उम्मीद न रहे।

दोनों परिवारों के बीच विवाद की शुरुआत 2013 में हुई थी। सरकारी जमीन के एक टुकड़े पर कूड़ा फेंकने को लेकर गजेंद्र सिंह और धीर सिंह के परिवारों के बीच विवाद हुआ था। इसमें धीर सिंह के परिवार के दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप गजेंद्र सिंह के परिवार पर लगा था। हालांकि, गजेंद्र सिंह के परिवार का कहना है कि उनका इन हत्याओं से कोई रिश्ता नहीं था। उन्हें जबरदस्ती इस मामले में फंसाया गया था।

घटना के बाद गजेंद्र सिंह का परिवार रहने के लिए अहमदाबाद चला गया था। बहरहाल, अदालत में मामला लंबा खिंचा तो दोनों परिवारों के बीच समझौता हुआ। समझौते के तहत गजेंद्र सिंह के परिवार ने छह लाख रुपयों के साथ जमीन भी धीर सिंह के परिवार के नाम कर दी। बदले में यह तय हुआ कि गजेंद्र सिंह का परिवार गांव में आकर रह सकता है।

शुक्रवार सुबह में गजेंद्र सिंह का परिवार गांव में लौटा था। 23 लोगों के काफिले के साथ पिकअप में सामान भरकर वे गांव में पहुंचे थे। इनमें गजेंद्र सिंह, पत्नी कुसुमा, उनके छह बेटे, पांच बहू, नौ पोता-पोती और एक छोटा भाई शामिल था। सभी गांव में लौटकर बेहद खुश थे।

पिकअप से सामान उतर रहा था। इस बीच गजेंद्र ने घर के प्रवेश द्वार पर नारियल फोड़ा। ठीक उसी समय पड़ोस के घर के आठ से दस लोगों ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने लाठी-डंडों से उन पर हमला बोल दिया। इसी बीच दो लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी।

हमले से आश्चर्यचकित गजेंद्र सिंह के परिवार के लोगों ने पहले जवाब देने की कोशिश की। उन्होंने पत्थर और लाठियां उठा लीं, लेकिन गोलियों की बौछार के सामने वे टिक नहीं पाए। आरोपियों ने नौ लोगों को गोली मारी। इनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। तीन लोगों ने अस्पताल के रास्ते में दम तोड़ा। तीन अन्य घायल हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।