छिंदवाड़ा । बैंक से ऋण ना चुकाने पर आपने सुना होगा कि बैंक द्वारा या तो सार्वजनिक तौर पर मुनादी कराई जाती है, या फिर इश्तेहार जारी किए जाते है, लेकिन छिंदवाड़ा में एक निजी फाइनेंस कंपनी ने कर्ज वसूली के लिए जो तरीका अपनाया उसके बाद ये परिवार का सिर शर्म से झुक गया है वह भी तब जब वह रेग्युलर ब्याज के साथ असल रकम पटा रहा था, अब मोहल्ले सहित क्षेत्र में इस तरह से बदनाम किए जाने के बाद इस शख्स ने न्याय की गुहार लगाकर पुलिस से कार्रवाई से मांग की है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, मामला छिंदवाड़ा के गुलाबरा का है यहां रहने वाले निमेश ब्रम्हे के मुताबिक उन्होंने इंडिया सेल्टर फाइनेंस कंपनी से खुद का रोजगार स्थापित करने के लिए साल 2021 में दो किश्तों में 11 लाख का लोन लिया था, जिसके बाद लगातार वह हर महीने साढ़े 17 हजार रुपए की किश्त भी भर रहे थे, ऐसे में 2022 जून में उन्हे व्यापार में घाटा हो गया जिसके बाद 3 महीने कि किश्त डयु हो गई थी, उसके बाद लगातार फरवरी तक उन्होंने किश्त की राशि जमा की थी। वहीं सिर्फ 5 किश्त ही ड्यू हुई थी। ऐसे में निमेश ब्रम्हे की माने तो उन्होंने अब तक एक से दो लाख रुपए का कर्ज अदा किया था।
कंपनी ने घर पर बना दी वॉल पेंटिंग
कंपनी ने बिना किसी नोटिस के किश्त ड्यू होने के कारण निमेश ब्रम्हे के गुलाबरा स्थित मकान में आईल पेंट से लिखवा डाला कि यह मकान इंडिया सेल्टर कंपनी की संपत्ति है। निमेश की माने तो उनके मकान के कागजात रखकर ही लोन लिया था, ऐसे में कंपनी के कर्मचारियों की इस हरकत से उनका समाज में काफी शर्मिंदगी महसूस हो रही है।
मानव अधिकार आयोग ने मांगा एसपी से जवाब
छिंदवाड़ा शहर के गुलाबरा में रहने वाले एक शख्स के मकान में फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों पेंट से आम सूचना लिख दी थी। युवक ने व्यापार के लिए कंपनी से कर्ज लिया था। जिसकी किश्त बाउंस होने पर कंपनी के कर्मचारियों ने यह कारनामा किया था। इस मामले को मानव अधिकतर आयोग ने संज्ञान में लिया है। आयोग ने इस प्रकरण में पुलिस अधीक्षक से आगामी तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने उल्लेख किया है कि गुलाबरा निवासी निमेश ब्रम्हे ने एक निजी फाइनेंस कंपनी से व्यापार के लिए 11 लाख रुपए लोन लिया था।
कर्ज पटाने के लिए लगातार कर रहे थे मेहनत
निमेश ब्रम्हे ने बताया कि वह रात दिन एक कर कर्ज चुकाने के लिए लगातार लेमिनेशन मशीन और प्लास्टिक के दोना पत्तल बना रहे है, बावजूद इसके निजी माईक्रो फाइनेंस कंपनी ने उनकी किसी भी समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया और पूरे मकान में वॉलपेंटिंग करा दी जिससे अब उन्होंने पुलिस की शरण ली है, फिलहाल सीएसपी अमन मिश्रा ने कहा कि वे इस मामले की जांच कर रहे है।