भोपाल। सावन के पहले सोमवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने पवित्र गुफा के दर्शन करके लौट रहे अमरनाथ यात्रियों पर हमला कर दिया। हमला सोमवार रात करीब 8:20 बजे अनन्तनाग जिले बोटेंगू और खानबाल इलाके में हुए। बाइक सवार भारी हथियारों से लैस दो आतंकियों ने पुलिस पार्टी पर हमला किया। इस दौरान आतंकियों ने तीर्थयात्रियों से भरी एक बस (जीजे09 जे-9976) पर गोलीबारी कर दी। हमले में पांच महिलाओं समेत सात तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जबकि 12 घायल हो गए। घायलों में तीन जवान हैं। आतंकी हमले के बाद श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर यातायात बंद कर दिया गया।

करीब 1700 लोग फंसे
पूरे एमपी से हर दिन करीब 2000 लोग अमरनाथ दर्शन करने पहुंचते हैं। जानकारी के मुताबिक इस आतंकी हमले के बाद एमपी के भी करीब 1700 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।आपको बता दें कि एमपी से हर साल करीब 25-30 हजार लोग अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं। यात्रा के दौरान हर साल आतंकी वारदातें होती रहती हैं। देश के प्रहरी हमारी सुरक्षा सेना इन वारदातों से तुरंत निपटती है। ये वारदातें भक्तों का हौसला बनाए रखती है। आंशिक व्यवधान के कारण एक-दो दिन के लिए बाधित हुई अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू हो जाती है।

अकेले भोपाल के 800 लोग हैं फंसे
भोपाल. अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए आतंकी हमले के बाद यात्रियों में दशहत है। भोपाल से तकरीबन 800 यात्री अभी अमरनाथ यात्रा के रास्ते में हैं, कुछ दर्शन कर वापस बालटाल, पहलगाम लौट चुके हैं, तो कुछ दर्शन के लिए पहुंचे हैं, तो कुछ भंडारों में रुके हुए हैं। यात्रियों को लेकर गए जत्थेदारों के अनुसार उनके साथ के सभी यात्री सुरक्षित हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। इधर, शहर से जिन परिवारों के सदस्य अमरनाथ गए हैं, वे काफी चिंतित हैं और लगातार अपनों की खबर लेने के लिए परिजनों से फोन लगाकर बात कर रहे हैं और टेलीविजन पर वहां के हालात देख रहे हैं।

हम रामबन के मंदिर में हैं, सब सुरक्षित
भोपाल से 200 से अधिक यात्रियों को लेकर अमरनाथ गए हरिओम शिवशक्ति सेवा मंडल के शरद जैन भोले ने बताया कि 70-75 यात्री पहलगाम पहुंच गए हैं, जबकि 120 से अधिक रामबन के एक मंदिर में रुके हुए हैं। करारिया निवासी सुनील कुशवाह, दिनेश कुशवाह ने बताया कि आतंकी हमले के बाद सभी यात्री दशहत में हैं, लेकिन हम सब सुरक्षित हैं, घर से भी लगातार फोन आ रहे हैं।

लाइव रिपोर्ट
सुबह तकरीबन हम 9 बजे श्रीनगर पहुंचे, लेकिन जवानों और कुछ उपद्रवियों के बीच हुए विवाद के बाद वहां चक्का जाम मिला। तड़ातड़ पत्थर बरस रहे थे, हम सहम गए। तकरीबन डेढ़ घंटे तक वहां फंसे रहे। जैसे-तैसे हमारी बस रवाना हो पाई। शाम को हम अनंतनाग पार कर चुके थे। हम एसआरडीसी की गाड़ी में थे, जिसमें सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। रास्ते में बस तेजी से दौड़ रही थी और हम सब की धड़कनें भी उतनी तेजी से चल रही थीं। बीच में कहीं भी बस नहीं रोकी गई। तब अंदेशा हो रहा था कि जरूर कुछ गड़बड़ है। लेकिन हमें किसी ने भी कुछ नहीं बताया। कुछ समय बाद पता चला कि अनंतनाग में आतंकी हमला हुआ है। ये हमला बालटाल जाने वाले यात्रियों पर हुआ।

यह सुनकर जत्थे में शामिल सभी लोग घबरा गए, ज्यादातर सदमे में आ गए। हमले की सूचना मिलने के बाद सभी अपने घरों में संपर्क करने का प्रयास करते नजर आए, जिससे सुरक्षित होने की जानकारी दे सकें। हमें भोपाल से आए उन यात्रियों की चिंता सता रही थी, जो अभी यात्रा मार्ग में थे। भोपाल से आए करीब 800 यात्री अमरनाथ यात्रा पर हैं। जो यात्रा के लिए जगह-जगह रुके हैं। कुछ यात्री वापस आने के लिए जम्मू पहुंचे हैं, तो कुछ रामबन, बालटाल और पहलगाम में रुके हैं।

सुबह हमारी…
घाटी के हालात काफी खराब हंै, रास्ते में जगह-जगह सन्नाटा है। भारी सुरक्षा बल अमरनाथ यात्रियों की देख-रेख और सुरक्षा में जुटा है। अभी हम जम्मू पहुंच चुके हैं। किसी की आंखों में नींद नहीं है। रात में यहां कोई कहीं नहीं आ जा सकता। कैंप में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। पूरा कैंप सैनिक छावनी जैसा नजर आ रहा है। हमले में कौन मारे गए हैं इसकी कोई सूचना नहीं है। सुबह होते ही सभी घर वापसी करना चाहते हैं। भगवान भोले नाथ सब ठीक करें।

मारे गए सभी लोग गुजरात के वलसाड निवासी
गुजरात के वलसाड की बस थी। सभी मृतक वहीं के निवासी थे। गुजरात ट्रैवल्स नाम की ट्रैवल कंपनी यह बस थी। तीन बसों के काफिले से भटककर यह बस सुरक्षा घेरे से बाहर हो गई थी। घायलों में ट्रैवल कंपनी के मालिक का बेटा भी बताया जा रहा है। घटना के बाद सीआरपीएफ की दो अतिािरक्त बटालियन मौके पर भेजी गई है। मुख्यमंत्री महबूबा देर रात घटनास्थल पहुंच गई थी।
* ऐसे आतंकी हमले से भारत नहीं झुकेगा। हम इस कायराना हमले की निंदा करते हैं। इस हमले की हर किसी को कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए।

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