नई दिल्ली । पंचांग भेद के कारण इस साल होली का त्योहार दो दिन मनाया जाएगा. देश के अलग-अलग राज्यों में होलिका दहन की कहीं 6 मार्च तो कहीं 7 मार्च 2023 को किया जाएगा. इस बार फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 6 मार्च 2023 की शाम 4 बजकर 17 पर शुरू होगी और पूर्णिमा तिथि का समापन 7 मार्च को शाम 6 बजकर 09 पर होगा. हर साल की तरह देश में सबसे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर में होली का त्योहार मनाया जाता है. इस बार तिथियों में घट बड़ होने के कारण आइए जानते हैं महाकाल में होली कब मनाई जाएगी.
महाकाल में होली कब है ?
ग्वालियर पंचांग के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर मंदिर में 6 मार्च 2023 को प्रदोष काल में मंत्रोच्चार के साथ होलिका दहन किया जाएगा. अगले दिन 7 मार्च 2023 को सुबह भस्म आरती के बाद बाबा को अबीर और हर्बल गुलाल का श्रृंगार कर रंगोत्सव मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सभी प्रमुख त्योहार सबसे पहले बाबा महाकाल के मंदिर में मनाए जाते हैं.
खास होती है महाकाल की होली (Mahakal Holi Interesting Facts)
राजाधिराज महाकाल के दरबार में होलिक दहन के दिन परंपरागत तरीके से संध्या आरती के बाद मंदिर पुजारी और उनके परिवार की महिलाएं होलिका का पूजन करती हैं. इसके बाद मंत्रोच्चार के साथ होलिका का दहन किया जाता है.
धार्मिक मान्यता है कि महाकाल मंदिर में होलिका दहन के लिए लकड़ी का प्रयोग नहीं किया जाता है. गाय के उपले से होलिका तैयार की जाती है. खास बात ये है कि इसमें हरि भक्त प्रहलाद स्वरूप में एक झंडा गाड़ा जाता है, जो होलिका दहन के बाद भी सुरक्षित रहता है.
शयन आरती के बाद अगले दिन सुबह 04 बजे भस्म आरती कर हर्बल गुलाल और टेसु के फूलों से बाबा का भव्य श्रृंगार किया जाता है, शिव के गण उनके संग होली खेलते हैं. इसके बाद मंदिर प्रांगण में धूमधाम से रंगों का त्योहार मनाया जाता है. मधुरा की तरह महाकाल को होली देखने देश-विशेद से भक्त यहां आते हैं.
होलिका दहन 2023 मुहूर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार 7 मार्च को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि व्याप्त रहेगी और इस दिन भद्रा भी नहीं रहेगा. ऐसे में जहां 7 मार्च को होलिका दहन किया जाना उनके लिए 7 मार्च को शाम 06.31 से रात 08.58 मिनट तक शुभ मुहूर्त है. यानी की दहन के लिए 02 घंटे 07 मिनट तक का समय मिलेगा.
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