मुख्यमंत्री चौहान ने दिल्ली में नये मध्यप्रदेश भवन का किया उद्घाटन
कहा- अगले 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर बनाया गया है भवन
भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट के माध्यम से 50 साल के बाद के भारत की बुनियाद रखी है, उसी तर्ज पर हमने दिल्ली में अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन को आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया है। यह भवन केन्द्र और राज्य के सह अस्तित्व की भावना को और मजबूत करेगा। साथ ही देश की राजधानी दिल्ली में मध्यप्रदेश की विरासत, कला, संस्कृति और प्रदेश के आमजन के प्रतीक के रूप में उभरेगा।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार शाम को नई दिल्ली में नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर केन्द्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, सांसद वीडी शर्मा, मुरलीधर राव सहित मप्र मंत्रि-परिषद के सदस्य और अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने नवीन भवन का विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर लोकार्पण किया। दिल्ली के मध्यप्रदेश भवन का निर्माण चाणक्यपुरी क्षेत्र में जीसस एंड मेरी मार्ग पर डेढ़ एकड़ में लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
योग शास्त्र और वैदिक विज्ञान के अनुसार बनाये 108 कक्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भवन का प्रत्येक फ्लोर प्रदेश की अलग संस्कृति को दर्शाता है। भवन में बाहर से लेकर अंदर तक हर कदम पर राज्य की धार्मिक, सांस्कृतिक, कला और परंपरा प्रदर्शित है, जो मध्यप्रदेश के कण-कण से रूबरू करायेगी। इस भवन में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद 108 कक्ष निर्मित किये गये हैं। हमारे योग शास्त्र में 108 का अंक आध्यात्मिक परिपूर्णता का प्रतीक है और वैदिक विज्ञान के अनुसार 108 सृष्टि की संपूर्णता का द्योतक है। यह ब्रह्मांड और हमारे एकमेव होने का उदाहरण है। निश्चित ही यह भवन केन्द्र और राज्य के सह अस्तित्व को मजबूत करने का काम करेगा।
उन्होंने इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज का स्मरण करते हुए भवन के लिये भू-खंड आवंटन में उनके द्वारा दिये गये सहयोग का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि दिल्ली में महत्वपूर्ण क्षेत्र में मध्यप्रदेश भवन के लिये भू-खंड आवंटित हुआ। इस क्षेत्र के आस-पास केन्द्रीय मंत्रालय होने से कर्त्तव्यों के निर्वहन में आसानी होगी। भवन में प्रदेश के मंत्री, सांसद सहित राज्य के नागरिक भी सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि मध्यप्रदेश के गंभीर बीमारी वाले नागरिक और सिविल सेवा की परीक्षा के लिये आने वाले विद्यार्थियों के लिये भी सुविधा विकसित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब मध्यप्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से उबर चुका है। करेन्ट प्रायजेज पर मध्यप्रदेश की जीएसडीपी 12 लाख करोड़ के पार हो गई है। मध्यप्रदेश का योगदान पहले 3.6 प्रतिशत था, जो बढ़ कर 4.6 प्रतिशत हो गया है। हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आज नई दिल्ली में मध्यप्रदेश का नया भवन भी यही दर्शाता है। यह केवल भवन नहीं प्रदेश की जनता की भावना और आकांक्षा का प्रतीक भी है।
उन्होंने कहा कि नवीन मध्यप्रदेश भवन में राज्य की संस्कृति, वन्य-जीव, जनजातीय परम्परा, कला, स्थानीय व्यंजन और राजनीतिक हस्तियों को भी दर्शाया गया है। यहाँ कॉन्फ्रेंस रूम, ऑडिटोरियम, वीआईपी लाउंज और डाइनिंग रूम जैसी सभी अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। उन्होंने भवन निर्माण में संलग्न निर्माण एजेंसी और सहयोगी अधिकारी-कर्मचारियों को धन्यवाद और शुभकामनाएं दी। अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार ने भवन के निर्माण और उसकी विशेषताओं की जानकारी दी।