नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अडानी ग्रुप के फर्मों को 21000 करोड़ (2.6 अरब डॉलर) रुपये का लोन दिया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नियमों के तहत जितना कर्ज देने की अनुमति है ये रकम उसकी आधी है. गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई द्वारा अडानी को दिए गए पैसों में इसकी विदेशी इकाइयों से 200 मिलियन डॉलर भी शामिल हैं. एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने गुरुवार को कहा कि उथल-पुथल से प्रभावित अडानी समूह की कंपनियां कर्ज चुका रही हैं और बैंक ने अब तक जो कुछ भी उधार दिया है, उसमें तत्काल उन्हें कोई चुनौती नहीं दिख रही है. ब्लूमबर्ग ने एक सूत्र के आधार पर ये जानकारी दी है.

गुरुवार को बीएसई पर एसबीआई का शेयर 527.75 रुपये पर लगभग सपाट कारोबार कर रहा था. बता दें कि अमेरिका स्थित फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों को मार्केट कैपिटलाइजेशन का जबरदस्त नुकसान हुआ था. एक रिपोर्ट के अनुसार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद एक सप्ताह में अडानी ग्रुप की कंपनियों को 100 अरब डॉलर के मार्केट कैपिलटाइजेशन का नुकसान हुआ. हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों के वित्तीय काम काज पर सवाल उठाए गए थे.

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह करने की कोशिश की गई है. अडानी ग्रुप ने इस मामले को कोर्ट में ले जाने की भी बात कही थी.

बता दें कि गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी सरकारी बैंकों से कहा है कि उन्होंने कितना लोन अडानी ग्रुप की कंपनियों को दिया है. इसकी जानकारी आरबीआई को दें. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ये जानकारी दी है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार RBI ने जो जानकारियां मांगी है उसमें कर्ज देने के लिए अडानी ग्रुप की जिन संपत्तियों को कोलेटरल के रूप में माना गया है उसकी लिस्ट भी शामिल है. इसके अलावा अडानी ग्रुप में बैंकों के अप्रत्यक्ष जोखिम की लिस्ट भी मांगी गई है.

एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने पिछले सप्ताह रॉयटर्स को कहा था कि अदानी ग्रुप के साथ जोखिमों को लेकर चिंताजनक कोई बात नहीं है . उन्होंने कहा था अडानी ग्रुप ने हाल-फिलहाल में बैंक से कोई फंड नहीं लिया है. Societe Generale नाम की एक संस्था ने बुधवार को कहा कि अडानी ग्रुप में इंडियन बैंकिंग सेक्टर का जोखिम मात्र 0.6 प्रतिशत है. अडानी ग्रुप द्वारा FPO रद्द करने के बाद गुरुवार को भी कंपनी के शेयरों में गिरावट रिकॉर्ड की गई. इसके बाद इस दिग्गज कंपनी का मार्केट लॉस 100 बिलियन डॉलर तक चला गया है.

गुरुवार को अडानी एंटरप्राइजेज के स्टॉक में लगभग 20% की गिरावट दर्ज की गई, जो मार्च 2022 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. इस ग्रुप की अन्य कंपनियां भी दबाव में देखी गई. अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन 5% नीचे थे, जबकि अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन में 10% की गिरावट आई थी. अगर पंजाब नेशनल बैंक की बात करें तो इस बैंक का अडानी ग्रुप में कुल जोखिम 7000 करोड़ रुपये है.