भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 14 किलोमीटर दूर इस्लाम नगर गांव का नाम अब जगदीशपुर हो गया है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। 308 साल पहले यह गांव जगदीशपुर के नाम से ही जाना जाता था। दोस्त मोहम्मद खान ने इसका नाम बदलकर इस्लाम नगर कर दिया था। इसे बदलकर जगदीशपुर करने की प्रक्रिया 30 साल से चल रही थी।

यह गांव ऐतिहासिक धरोहर को अपने में समेटे हुए है। यहां 17वीं शताब्दी में बना एक किला मौजूद है जिसे देखने यहां दुनियाभर के लोग पहुंचते हैं। यह गांव किले के अंदर तीन हिस्सों में बसा है। गांव में मकान दूर- दूर बने हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी आबादी करीब साढ़े तीन हजार है।

इस गांव में 11वीं सदी के परमार कालीन मंदिर के पत्थर और मूर्तियां हैं। परमारों के बाद यह क्षेत्र गोंड राजा संग्राम शाह के बावन गढ़ों में से एक था। यहां एक गोंड महल भी बना हुआ है। गोंड शासकों के बाद इस गढ़ और किले पर देवड़ा राजपूतों का शासन रहा। 1715 में मुगल शासक औरंगजेब के भगोड़े सैनिक दोस्त मोहम्मद खान ने जगदीशपुर पर आक्रमण किया था, लेकिन वह गांव पर कब्जा जमाने में कामयाब नहीं हुआ।

इसके बाद दोस्त मोहम्मद ने षड्यंत्र का सहारा लिया। उसने राजपूत शासक देवरा चौहान को बेस नदी के किनारे सहभोज के लिए बुलाया। देवरा चौहान समेत राजपूत मेहमान जब रात में खाना खा रहे थे, तभी तम्बू की रस्सियां काट दी गईं और सभी राजपूतों को हलाल कर दिया गया। कहा जाता है कि इस नरसंहार में इतना खून बहा कि नदी का पानी लाल हो गया। तभी से यह नदी हलाली के नाम से जानी जाने लगी। इस तरह धोखे से जगदीशपुर पर दोस्त मोहम्मद ने कब्जा कर लिया और उसका नाम बदलकर इस्लामनगर कर दिया था।