भोपाल। सहारा कंपनी की अलग-अलग योजनाओं, एफडी, आरडी व रियल स्टेट बांड सहित अन्य योजनाओं में लोगों से करोड़ों रुपये जमा कराकर वापस नहीं करने के मामले में एमपी नगर पुलिस ने कंपनी के मालिक सुब्रत राय सहित आठ पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और आपराधिक षड्यंत्र रचने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। यह प्रकरण उन 80 लोगों की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जिन्होंने सहारा कंपनी की अलग-अलग योजनाओं में निवेश किया था, लेकिन कंपनी ने वर्षों बाद भी उनका पैसा वापस नहीं लौटाया।
विभिन्न योजनाओं में पैसा निवेश करने पर उन्हें ब्याज समेत रकम वापस मिलना थी, लेकिन कंपनी ने दस साल बाद भी न तो मूल रकम वापस की और न ही उस पर मिलने वाला ब्याज दिया। भोपाल के एमपी नगर थाने के उप निरीक्षक रंजीत मिश्रा के अनुसार डी-2, ए-सेक्टर पिपलानी निवासी जगदीश मूलचंदानी पुत्र केवलराम (52) निजी काम करते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि अक्तूबर 2012 में उन्होंने एमपी नगर जोन-1 स्थित सहारा कंपनी के ऑफिस में पहुंच कर एक स्क्रीम के तहत पैसा जमा किया था। कंपनी में जगदीश मूलचंदानी समेत 80 लोगों ने भी एफडी समेत अन्य स्कीमों में पैसा निवेश किया था। निवेश की गई राशि पर तय समय पर ब्याज मिलना था।
जांच अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुसार 80 फरियादियों ने करीब 1 करोड़ 90 लाख रुपये जमा किए थे। अलग-अलग स्कीमों में पैसा जमा करने के 10 साल बाद भी सहारा कंपनी ने न तो मूल रकम लौटाई और न ही उस रकम पर मुनाफा दिया। कई बार कंपनी के पदाधिकारियों से संपर्क करने के बाद भी लोगों का पैसा वापस नहीं किया। इस पर सभी लोगों ने एमपी नगर थाने में लिखित शिकायत की थी। इसकी जांच के बाद पुलिस ने कंपनी के अध्यक्ष सुब्रत राय सहारा के अलावा रीजनल मैनेजर सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, जोनल मैनेजर शिवाजी और कंपनी के पदाधिकारी वीके श्रीवास्तव, अलख सिंह, करुणेश अवस्थी, दिनेश कुमार श्रीवास्तव, ओमप्रकाश श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और षड्यंत्र का केस दर्ज किया है।