भोपाल . मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले अखबार और टीवी प्रमुखता से मीडिया में छाये हुए थे, इनकी बड़ी भूमिका थी. इसके बाद आए सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने अब कई भ्रान्तियाँ तोड़ दी है. टीवी दिखाए या न दिखाये, अखबार छापे या न छापे, आम जनता का प्लेटफार्म बने सोशल मीडिया ने सूचना जगत में नई क्रान्ति ला दी है. अब कोई भी बात किसी से छुपी नहीं रह सकती है.
मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को उज्जैन में दो दिवसीय सोशल मीडिया कॉन्क्लेव का शुभारम्भ सत्र को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर मुरलीधर राव, सांसद वीडी शर्मा, अनिल फिरोजिया, विधायक बहादुरसिंह चौहान, महापौर मुकेश टटवाल, फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष ओम जैन मौजूद थे. भारत नीति के इस कॉन्क्लेव में देश के कई हिस्सों से सोशल मीडिया (Media) विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के विशेषज्ञों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने हमारी परम्परा और हमारे धर्म को विश्व पटल पर स्थापित कर दिया है. जो लोग कभी राम का विरोध करते थे, वे अब राम नाम जप रहे हैं, जय महाकाल का उद्घोष कर रहे हैं. इस बदलाव को लाने में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि आज के युग में यदि अपने विचारों का प्रचार-प्रसार करना है तो सोशल मीडिया अपरिहार्य है. सोशल मीडिया ने देश की मानसिकता बदल दी है.
चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश विकास के मामले में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. आज नर्मदा जयन्ती है. हमने नर्मदा-शिप्रा को जोड़ने का कार्य किया है. इसे गंभीर, कालीसिंध और पार्वती तक ले जा रहे हैं. प्रदेश की सिंचाई क्षमता कभी सात लाख हेक्टेयर थी, जो अब 45 लाख हेक्टेयर हो गई है. वर्ष 2024 तक यह बढ़कर 65 लाख हेक्टेयर हो जायेगी. पर्यावरण की सुरक्षा के लिये अच्छा सन्देश देने के लिये उनके द्वारा प्रतिदिन पौधा लगाने की परम्परा शुरू की गई, जिसे आज दो वर्ष पूरे हो चुके हैं. इस पहल पर प्रदेश के नागरिकों ने काफी अच्छा प्रतिसाद देते हुए अंकुर पोर्टल पर पेड़ लगाकर लाखों फोटो अपलोड किये हैं.
उन्होंने कहा कि भारत अत्यन्त प्राचीन राष्ट्र है. पश्चिम में जब सभ्यता का उदय नहीं हुआ था तब हमारे यहाँ वेदों की ऋचाएँ रच दी गई थी. हमारे यहाँ तक्षशिला और नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय कार्यशील थे. देश की धरती ने हर विचार का आदर किया है. वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र के प्रयासों से देश जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है. हमारी परम्परा वसुधैव कुटुम्बकम की रही है और इसी के अनुरूप एक धरती, एक भविष्य और एक परिवार का सूत्र लेकर कार्य किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ तो बाद में बना, इसके पहले हमारे ऋषियों ने विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा दे दी थी. मुख्यमंत्री ने विगत 15 वर्षों की मध्यप्रदेश की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की धरती पर पैदा होने वाली हर बेटी लखपति पैदा होती है. इस योजना ने स्त्री-पुरूष संख्या में बड़ा बदलाव किया है. लिंगानुपात पहले 912 हुआ करता था, जो 956 और इससे भी बढ़ कर अब 978 हो गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही हवाई जहाज से तीर्थ-दर्शन यात्रा शुरू होने वाली है. प्रदेश के शासकीय स्कूलों में रामायण और गीता पढ़ाई जायेगी. प्रदेश में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई को हिन्दी में प्रारंभ कर एक नई शुरूआत की गई है. गुड गवर्नेंस के मामले में मध्यप्रदे , देश में प्रथम स्थान पर है और संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस पहल को पुरस्कृत भी किया है. प्रदेश में जहाँ पहले सड़क नहीं गड्ढे हुआ करते थे, आज 4 लाख किलोमीटर सड़कें तैयार की गई हैं. प्रदेश ने पिछले 15 वर्षों में विद्युत उत्पादन को 2900 मेगावाट से 26 हजार मेगावाट तक पहुँचा दिया है. दिल्ली की मेट्रो रीवा के सोलर प्लांट में बन रही बिजली से चल रही है.
मुख्यमंत्री ने भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर पूजन-अर्चन की
मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को उज्जैन प्रवास के दौरान भगवान महाकालेश्वर के दर्शन, पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिये मंगल कामना की. पूजा पं. प्रदीप पुजारी एवं यश पुजारी ने कराई. इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, महापौर मुकेश टटवाल सहित जन-प्रतिनिधि उपस्थित रहे.