भोपाल। युवाओं को बेहतर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिये प्रदेश के महाविद्यालयों में पाठ्यक्रमों के साथ कौशल उन्नयन के प्रशिक्षण कोर्स भी प्रारंभ किये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता की रेटिंग की व्यवस्था करने तथा प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक सकांय को उत्कृष्ट बनाये जाने की कार्य-योजना को क्रियान्वित करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री आज यहाँ उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा और मुख्य सचिव श्री आर.परशुराम भी उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि महाविद्यालयों में कौशल उन्नयन के लिए 110 महाविद्यालय का चयन किया गया है। मध्यप्रदेश व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद के सहयोग से इन महाविद्यालयों में विद्यार्थियों का कौशल उन्नयन किया जाएगा। विश्वविद्यालयों में संकायों को उत्कृष्ट बनाने की कार्य-योजना में भोपाल विश्वविद्यालय में बायोटेक/बायो-इन्फार्मेटिक्स, जबलपुर विश्वविद्यालय में लाईफ सांइसेस, उज्जैन में फार्मेसी, ग्वालियर में प्रबंधन, इंदौर में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और रीवा विश्वविद्यालय में इन्वायरमेंटल बॉयलाजी संकाय को शामिल किया जाएगा।
श्री चौहान ने आगामी दिनों में प्रस्तावित हिन्दी विश्वविद्यालय के भवन के शिलान्यास अवसर पर हिन्दी सम्मेलन के आयोजन के निर्देश दिये। सम्मेलन में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हिन्दी के विद्वान शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने अशासकीय महाविद्यालय में भी गाँव की बेटी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये। नये महाविद्यालय खोलने के लिए समय-सीमा में कार्यवाही के निर्देश दिये ताकि शिक्षा सत्र के साथ ही महाविद्यालय प्रारंभ हो जाए।
बैठक में बताया गया कि 100 महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास की योजना प्रारंभ कर दी गई है। उच्च शिक्षा कोष के गठन की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत नेसकाम के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण की योजना में 50 महाविद्यालय को शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने विभाग में रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति के निर्देश दिये। भर्ती नियमों में अपेक्षित संशोधन शीघ्र करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये।