भोपाल।  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव 2023 से पहले राजधानी भोपाल में मेट्रो ट्रेन का कम से कम ट्रायल रन पूरा हो जाए परंतु अब ट्रायल रन खतरे में आ गया है। डीपीआर में गड़बड़ थी इसलिए रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर आकर काम रुक गया है। अधिकारियों ने जुगाड़ लगाई है कि जनता को दिखाने के लिए सुभाष नगर से रानी कमलापति तक ट्रेन चला कर दिखा देंगे। जबकि यह ट्रायल रन सुभाष नगर से एम्स भोपाल तक का घोषित किया गया था।

भोपाल मेट्रो की डीपीआर गलत थी, कंक्रीट नहीं स्टील का ब्रिज डालेगा

मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोंरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो वायडक्ट के एक पिलर से दूसरे की दूरी 30 से 34 मीटर के बीच होती है लेकिन रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास प्लेटफार्म नंबर एक से पांच तक की दूरी 65 मीटर है और इतना लंबा सीमेंट-कांक्रीट का स्लैब नहीं डाला जा सकता है। इसलिए यहां पर स्टील ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि यदि यहां पिलर खड़े कर वायडक्ट का निर्माण किया जाता तो रेलवे से घंटो के लिए ब्लाक लेना पड़ता, जिससे कई ट्रेनें प्रभावित होती। वहीं स्टील का ब्रिज बनाने पर यहां दो से चार घंटे के ब्लाक में काम हो जाएगा।

मेट्रो वालों ने अब जाकर रेलवे को अपनी डिजाइन सबमिट की है

आरकेएमपी रेलवे स्टेशन के पास 65 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा स्टील ब्रिज बनाया जा रहा है, इसका वजन 350 टन से अधिक होगा। इसके लिए क्रासिंग के दोनों सिरों पर पिलर का निर्माण शुरू हो गया है। मेट्रो रेल कंपनी ने दिल्ली मेट्रो द्वारा पंजाबी बाग रेलवे क्रासिंग पर बनाए गए ब्रिज की डिजाइन के आधार पर अपनी डिजाइन रेलवे को सबमिट की है और रेलवे क्रासिंग करने के शुल्क के रूप में दस लाख रुपए जमा कराए हैं।

भोपाल मेट्रो ट्रेन फैक्‍ट फाइल

    प्रोजेक्ट मंजूरी – 30 नवंबर 2018
    एमओयू साइन हुआ – 19 अगस्त 2019
    ज्वांइट वेंचर की पहली बैठक – 29 दिसंबर 2020
    प्रायरिटी कारिडोर में संचालन की सयम सीमा – सितंबर 2023
    मेटो प्रोजेक्ट की कुल लागत – 6,941 करोड़ रुपये
    प्रायरिटी कारिडोर – 6.2 किलोमीटर
    कितने पिलर बनेंगे – 226
    कितनों पर गार्डट लांचिंग हुई – 216
    भोपाल के लिए मेट्रो कार – 27