मुरैना। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के मुरैना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के चलते वह सुर्खियों में हैं। आपको बता दें मुरैना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी के पिता लालाजी बागरी सरकारी शिक्षक हैं। वह करदाता होने के बावजूद गरीबों के लिए चलाई जा रही मध्यप्रदेश सरकारी की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ लेना चाहते थे। सरकारी खर्च पर तीर्थ यात्रा करने के लिए उन्होंने आवेदन भी भरा था, जिसके बाद उनकी टिकट भी बन गई थी। सूची सार्वजनिक होने के बाद बवाल मच गया।

शिकायतें मिलने पर प्रशासन ने जब इस मामले की जांच की तो पुलिस अधीक्षक के माता पिता दोनों ही योजना का लाभ लेने के लिए अपात्र पाए गए। मामला सामने आने के बाद मुरैना पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी के पिता लालजी बागरी को सतना के जिला कलेक्टर ने निलंबित कर दिया हैं, साथ ही सूची से उनका नाम भी विलोपित कर दिया गया है। इस पूरे मामले के सामने आने के बाद अब मुरैना पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी की किरकिरी हो रही है।

मुरैना पुलिस अधीक्षक बागरी के माता पिता सतना जिले में रहते हैं। यहां से राज्य शासन की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिए मंगलवार को सतना जिले से करीब 250 तीर्थ यात्री द्वारिकापुरी की यात्रा पर गए हैं। इन तीर्थ यात्रियों में लालजी बागरी और विद्या बागरी निवासी पडरौत का नाम भी शामिल था। मुरैना पुलिस अधीक्षक के पिता सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं और वह इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं, जिसके चलते वह नियम के तहत तीर्थ दर्शन योजना के लिए पात्र नहीं। इसके बावजूद उन्होंने अपना और अपनी पत्नी का तीर्थ दर्शन योजना के लिए आवेदन फार्म भरा था। सूची के सार्वजनिक होने के बाद ये पूरा मामला सामने आया। इस मामले में सहायक शिक्षक लालजी बागरी को बिना विभागीय अनुमति लेने तीर्थदर्शन जाने की कोशिश के आरोप में निलंबित किया गया है।

लालजी बागरी का कहना है कि उन्हें यात्रा नहीं करनी थी, इसलिए विभागीय अनुमति नहीं ली। फार्म उनके किसी परिचित ने भरा था उन्होंने सिर्फ दस्तखत किए हैं। फार्म में इनकम टैक्स दाता और सरकारी सेवक को अपात्र होने का कॉलम नहीं था, न ही उनको नियम-कायदों की जानकारी है।