बुरहानपुर, . बुरहानपुर जनपद पंचायत में पदस्थ उपयंत्री बिना रिश्वत कोई काम नहीं करता था. रिश्वत मिलने के बाद ही वह पंचायत के मस्टर पर साइन करता था. रिश्वत भी तय थी. एक मस्टर के 1500 रूपए फिक्स थे. इससे आहत एक ठेकेदार ने इंदौर लोकायुक्त को शिकायत की कि फील्ड में मजदूर चल रहे हैं और उनको जायज तरीके से पैसा भुगतान करना है, लेकिन उपयंत्री रिश्वत की मांग कर रहा है. लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की सत्यता का पता लगाया और सोमवार (Monday) शाम आरोपी उपयंत्री को 3 हजार की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया. उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई गई है.
दरअसल, जिस ठेकेदार ने इसकी शिकायत है कि वह पातोंडा ग्राम पंचायत के तहत मनरेगा में बन रहे निस्तार तालाब का निर्माण करा रहा है और पूर्व में भी मस्टर पास करने के नाम पर उससे उपयंत्री ने पैसा लिया था.
हर मस्टर पर साइन करने के लिए लेता था 1500 रूपए
इंदौर लोकायुक्त की टीम ने सोमवार शाम ग्राम पातोंडा में बुरहानपुर जनपद पंचायत के उपयंत्री को 3 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया. आरोपी उपयंत्री मनरेगा योजना के तहत मजदूरों के लिए पैसा निकालने वाले मस्टर पर साइन करने के लिए प्रत्येक मस्टर के 1500-1500 रूपए लेता था. इस बार दो मस्टर पर साइन करने के लिए 3 हजार रूपए रिश्वत मांगी गई. ठेकेदार ने इसकी शिकायत इंदौर (Indore) लोकायुक्त को कर दी. सोमवार शाम लोकायुक्त टीम इंदौर (Indore) से ग्राम पातोंडा पहुंची. यहां योजनाबद्ध तरीके से उपयंत्री को रिश्वत लेने बुलाया गया. जैसे ही ठेकेदार पहुंचा टीम ने उसे धरदबोचा. आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.