भोपाल । मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के ग्राफ में इजाफा हुआ है। इसका खुलासा विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन की सालाना रिपोर्ट में हुआ है। लोकायुक्त पुलिस ने प्रदेश में 2022 में 279 भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इसमें 252 को रंगेहाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

लोकायुक्त पुलिस की सालाना रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में कुल 279 अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। इनमें 252 ट्रेप, 17 अनुपातहीन संपत्ति (छापे) तथा 10 पद के दुरुपयोग के प्रकरण शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 की तुलना में इस वर्ष कुल पंजीबद्ध प्रकरणों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ट्रेप के पंजीबद्ध प्रकरणों में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें एजेंसी की तरफ से क्लर्क, डॉक्टर, पटवारी, रेंजर, इंजीनियर, नायब तहसीलदार, पुलिसकर्मी, एसडीओ, रेवेन्यू इंस्पेक्टर समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार लोकायुक्त ने 2022 में 358 आपराधिक प्रकरणों की विवेचना पूर्ण की, जिनमें 269 ट्रेप प्रकरण शामिल हैं। वहीं, 25 अनुपातहीन संपत्ति (छापे) के प्रकरण तथा 64 पद के दुरुपयोग (abuse) के प्रकरण शामिल रहे हैं। इसके अलावा एजेंसी 52 प्राथमिक जांच प्रकरणों का भी निराकरण किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में प्रदेश के अलग-अलग न्यायालयों में 202 प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किए गए। कोर्ट ने 140 प्रकरणों में अंतिम निर्णय पारित किया। इसमें से 98 में अभियुक्तों को दंडित किया गया। इस वर्ष सजा का प्रतिशत 70 प्रतिशत रहा। 2021 की तुलना में 2022 में 7 प्रतिशत अधिक प्रकरणों में सजा सुनाई गई।