भोपाल। भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम में लगभग दस ऐसे अफसर हैं, जो यहां की जगह अब जिलों में जाकर पुलिस कप्तानी करना चाहते हैं। दोनों ही शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू हुए सिर्फ 13 महीने ही हुए हैं , लेकिन इनते कम समय में ही ये अफसर यहां से निकल कर दूसरे जिलों में जाने के लिए प्रयास करने लगे हैं। इसमें सबसे ज्यादा अफसर वर्ष 2010 और 2016 बैच के है। इन दोनों बैच के चार-चार अफसर यहां से निकल कर जिलों में जाने के इच्छुक बताए जाते हैं। गौरतलब है कि आईपीएस अफसरों की तबादला सूची जल्द ही जारी होने के आसार हैं। इसके चलते जिलों में जाने की इच्छा रखने वाले अफसर इन दिनों तेजी से सक्रिय हैं। प्रदेश के इन दोनों शहरों में दिसंबर 2021 में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हुआ था। यहां पर पुलिस उपायुक्त का पद एसपी रेंक के अफसरों को दिया गया है। दोनों ही शहरों में 8-8 एसपी रेंक के अफसरों को उपायुक्त के रूप में पदस्थ किया गया था। इनमें से अधिकांश अफसर ऐसे है जो जिलों में पुलिस अधीक्षक बनने का प्रयास कर रहे हैं।
ये अफसर जा सकते हैं जिलों में
वर्ष 2010 बैच के निमिश अग्रवाल, राजेश कुमार सिंह और धर्मेंद्र सिंह भदौरिया इंदौर में बतौर डीसीपी पदस्थ हैं। वहीं इसी बैच के भोपाल में पदस्थ विजय खत्री हैं। ये सभी अफसर जिलों में जा सकते हैं। वहीं कई जिलों में पुलिस कप्तानी कर चुके वर्ष 2011 बैच के अफसर रियाज इकबाल भोपाल में पदस्थ हैं। इसी तरह वर्ष 2013 बैच के संपत उपाध्याय भी जिले में जा सकते हैं। उनका नाम इंदौर से सटे हुए जिले में जाने के लिए चल रहा हैं। अभी तक जिले की कप्तानी से दूर रहे वर्ष 2014 बैच के साई कृष्ण थोटा को भी जिला मिल सकता है। वे लंबे अरसे से भोपाल में पदस्थ हैं। वहीं वर्ष 2016 बैच के इंदौर में पदस्थ रजत सकलेचा, अमित तोलानी और भोपाल में पदस्थ अमित कुमार और हंसराज सिंह को भी अन्य जिलों में भेजा जा सकता है। वर्ष 2016 बैच के अफसर समीर सौरभ बालाघाट और आगम जैन झाबुआ जिले के पुलिस अधीक्षक हैं। इसे देखते हुए भोपाल-इंदौर में पदस्थ इस बैच के उपायुक्तों को भी जिले की कप्तानी सौंपी जा सकती है।