रायपुर। गुढ़ियारी के दही हाण्डी मैदान में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया कहकर कथा की शुरूआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नागपुर में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है और भगोड़ा कहा गया है, वे गलत कह रहे है, वहां कथा 7 दिन की ही थी, 9 दिन की नहीं, जो हिंदू नहीं वह बुझदिल है। कथा श्रवण करने के लिए पहले दिन राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके पहुंची,उन्होंने कहा कि भगवान ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण को देश व समाज का उद्धार करने के लिए़ माध्यम बनाकर श्रीराम कथा वाचन के लिए भेजा है। कथा श्रवण करने के लिए पहले ही दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचे। इस अवसर पर संसदीय सचिव व रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ राज्य गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री राम सुन्दर दास,आयोजक मिश्रा परिवार,श्री हनुमान मंदिर ट्रस्ट समिति के सदस्यगण कथा मंच पर उपस्थित थे।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन धरती जहां, श्रीराम को भांजा माना जाता है। हर घर में भांजे को प्रणाम किया जाता है, यह संस्कृति कहीं और नहीं है। इस पावन धरती को प्रणाम करता हूं। जहां सतरूपा ने माता कौशल्या के रूप में जन्म लिया। उन्होंने छत्तीसगढि?ा सब ले बढि?ा कहकर कथा सुन रहे लोगों का स्वागत किया। छत्तीसगढ़ महतारी सुनते हैं लेकिन किसी और प्रदेश में माताओं को महतारी नहीं कहते। हमारा देश माताओं का देश है। मोर छत्तीसगढ़ महतारी, तोर महिमा हवे भारी, भजन की प्रस्तुति दी। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि श्रीराम समेत चार नहीं पांच भाई है। हनुमान भी श्रीराम के भाई हैं। सभी रानियों के खीर खाने और माता अंजनी के द्वारा भी वही खीर खाने और हनुमान के जन्म लेने की कथा सुनाई।
महाराज ने कहा कि कुछ लोग धर्म के खिलाफ, हमारे खिलाफ साजिश रच रहे हैं, क्योंकि हम धर्म परिवर्तन का विरोध करते हैं। नागपुर में हमारे खिलाफ कहा गया कि हम भगोड़े हैं, वे गलत कह रहे, वहां कथा 7 दिन की ही थी। 9 दिन की नहीं, अधर्मी कहने लगे कि दो दिन पहले ही भाग गए, यह गलत है। कथा 7 दिन की ही थी। जो हिंदू नहीं वह बुझदिल है। हनुमान का प्रचार करना अपराध नहीं, हम सच्चे सनातनी हैं, धर्म परिवर्तन के खिलाफ बिगुल फूकेंगे। हिंदुओं करें तैयारी, आ गए मुदगल धारी। हम अंधविश्वास नहीं फैलाते, कोई दावा नहीं करते कि कैंसर ठीक कर देंगे या भूत भगा देंगे। हम तो बागेश्वर धाम हनुमान के भक्त हैं, हम बागेश्वर वाले हैं। हनुमान की भक्ति करने से कोई किसी को रोक नहीं सकता।
कथा श्रवण करने के लिए पहले दिन राज्यपाल अनुसुइया उइके भी पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा कि 7 दिनों में कथा वाचन से हमें श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेना चाहिए। इसके साथ ही पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज के बारे में कहा कि महाराज छोटी उम्र से ही भक्ति में लग गए। भगवान किसी को माध्यम बनाकर हमारी मदद करते हैं, भगवान ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण को छत्तीसगढ़ भेजा है, समाज का उद्धार व सदमार्ग बताने के लिए। ईश्वर की उन पर कृपा है। हमारा सौभाग्य हैं वे पधारे। मैं भी सौभाग्यशाली हूं, कि आचार्य श्री के कार्यक्रम में शामिल हुई। उन्होने मंच से छत्तीसगढ़वासियों की खुशहाली के लिए कामना की।