भिण्ड। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ इलैया राजा टी ने कहा है कि भिण्ड जिले की 9-अटेर विधानसभा में उप चुनाव कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा कर दी गई है। अटेर उप चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ पूर्ण कराई जावेगी। इस उप चुनाव में 2 लाख 10 हजार 413 मतदाताओं को मतदान करने की सुविधा प्रदान की जावेगी। जिसके लिए 288 मतदान केन्द्र पर शांतिपूर्वक मतदान कराया जावेगा। वे आज स्थानीय पुलिस कन्ट्रोल रूम पर स्टेण्डिंग कमेठी एवं पत्रकारों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह, अपर कलेक्टर टीएन सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ अनुज रोहतगी, एसडीएम भिण्ड संतोष तिवारी एवं अटेर यूएस सिकरवार, राजनैतिक दलो के प्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी व पत्रकारगण उपस्थित थे।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ इलैया राजा टी ने कहा कि 09-अटेर विधानसभा उप निर्वाचन के लिए अधिसूचना का प्रकाशन 14 मार्च को किया जावेगा। नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 21 मार्च मंगलवार निर्धारित की गई है। नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 22 मार्च को की जावेगी। नाम निर्देशन पत्रों की वापिसी 24 मार्च को होगी। मतदान की तिथि 9 अप्रैल घोषित की गई है। मतगणना की तिथि 13 अप्रैल रहेगी। निर्वाचन प्रक्रिया समाप्ति की अंतिम तिथि 15 अप्रैल रहेगी। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से विधानसभा उप निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिए आदर्श आचार संहिता आज 9 मार्च से जिले में लागू की गई है। जो राजनैतिक दलो, अभ्यार्थियों के अतिरिक्त जिला शासन पर समान रूप से लागू होगी। जिसका राजनैतिक दल, अभ्यार्थी, शासकीय अधिकारी, कर्मचारी पालन सुनिश्चित करें। उन्हांेने कहा कि अटेर विधानसभा के सभी मतदान केन्द्रों का सत्यापन सेक्टर मजिस्ट्रेटो और पुलिस अधिकारियों द्वारा किया जा चुका है। साथ ही आवागमन की सुविधा सुनिश्चित की जा चुकी है।
कलेक्टर ने कहा कि अटेर उप चुनाव के लिए पुरूष 118695, महिला 91716, अन्य 02, सहित कुल 210413 मतदाताओं को मतदान की सुविधा दी जावेगी। जिसमें सर्विस वोटर्स पुरूष 223, महिला 74 कुल 297 अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इस प्रकार से मतदाताओं का जेण्डर रेशो 773 है। इस उप निर्वाचन के लिए 237 भवनो पर 288 मतदान केन्द्र बनाए गए है। अटेर उप निर्वाचन के अन्तर्गत अधिकतम मतदाताओं वाला मतदान केन्द्र 110 रमा है। जिस पर 1177 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। न्यूनतम मतदाताओं वाला मतदान केन्द्र 101 जलुआपुरा है जिस पर 254 मतदाता वोट डालेंगे। प्रति मतदान केन्द्र मतदाताओं की औसत संख्या 765 है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अटेर उप चुनाव के लिए 18 से 19 वर्ष के पुरूष 1713, महिला 747 है, इसी प्रकार 20 से 29 वर्ष के पुरूष 31126, महिला 20190, अन्य 01 शामिल है। आयु वर्ग 30 से 39 के पुरूष 34157, महिला 25447 एवं ऐजग्रुप 40 से 49 में पुरूष 22833, महिला 19613 है। इसीप्रकार ऐजग्रुफ 50 से 59 में 13932 पुरूष एवं महिला 11974 है। इसीप्रकार 60 से 69 वर्ष के पुरूष 8709, महिला 7794, अन्य 01 शामिल है। आयु वर्ग 70 से 79 में पुरूष 4660, महिला 4311 एवं आयु वर्ग 80 के पुरूष 1556 एवं महिला 1649 है। इसप्रकार से पुरूष 118686, महिला 91725 अन्य 02 कुल 210413 मतदाताओं को मतदान करने की सुविधा प्रदान की जावेगी। कलेक्टर ने कहा कि उप निर्वाचन को दृष्टिगत रखते हुए सोशल मीडिया पर चुनाव को प्रभावित करने वाली खबरे नहीं डाली जावे। इस दिशा में सोशल मीडिया से संबंधित पत्रकार कोई आपत्तिजनक समाचार एवं फोटो नहीं डाले। जिससे चुनाव प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न न हो सके।
पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने बैठक में बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा 09-अटेर विधानसभा के उप निर्वाचन की घोषणा कर दी गई है। आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। साथ ही भिण्ड जिले में धारा 144 लागू की जा चुकी है। जिसके अन्तर्गत शस्त्र लाने एवं ले जाने पर पूर्णतः प्रतिबंधित लगाया गया है। आर्म्स लायसेंसी 13 मार्च तक जिले के थाने में अपने शस्त्र जमा कर सकते है। जिले के अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर पैरा मिलक्ट्री फोर्स बुलाया जावेगा। साथ ही इन्टर स्टेट के रास्ते चिन्हांकित कर लिए गए है। इस उप निर्वाचन के अन्तर्गत बोर्डर की सीमा शील्ड की जावेगी। बैठक में राजनैतिक दलो के पदाधिकारियों और मीडिया के प्रतिनिधियों ने उप निर्वाचन अटेर शांतिपूर्वक कराने की दिशा में उपयोगी सुझाव दिए।
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ इलैया राजा टी ने कहा कि राजनैतिक दल निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की गई आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करें। किसी दल या अभ्यार्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायो के बीच विद्यमान मतभेदो को बढाये या घृणा की भावना उत्पन्न करें या तनाव पैदा करें। उन्होंने कहा कि सभी राजनैतिक दल ऐसे सभी कार्यो से ईमानदारी के साथ बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि के अधीन ’’भ्रष्ट आचरण’’ और अपराध है जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना, धमकाना मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर मत याचना करना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घण्टे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाऐं करना और मतदाताओं को वाहन से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहां से वापस लाना शामिल है।
कलेक्टर ने कहा कि सभा, जुलूस के लिए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमति दी जावेगी। मतदान दिवस 9 अप्रेैल को मतदान शांतिपूर्वक और सुव्यवस्थित ढंग से हो और मतदाताओ को इस बात की पूरी स्वतंत्रता हो कि वे बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। इस दिशा में निर्वाचन कर्तव्य पर लगे हुए अधिकारियों के साथ सहयोग किया जावे। मतदान केन्द्र पर मतदाताओं के सिवाए कोई भी व्यक्ति निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए अधिमान्य पास के बिना मतदान केन्द्रों में प्रवेश नहीं करेगा। निर्वाचन आयोग उप चुनाव के लिए प्रेक्षक नियुक्त करेगा। अभ्यार्थी या उनके अभिकर्ताओं को कोई विशिष्ट शिकायत या समस्या हो तो वे इसकी सूचना प्रेक्षक को दे सकते है।
निर्वाचन की घोषणा के बाद निर्वाचन के परिणाम घोषित किए जाने की अवधि के लिए विश्राम-गृहो, विश्राम भवनो में कम से कम एक कक्ष निर्वाचन कार्य से संबंधित अधिकारियों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। इस आरक्षित कक्ष के आवंटन में निर्वाचन प्रेक्षक, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं उनके कार्यालय के अधिकारी तथा निर्वाचन कार्य से संबंधित अन्य अधिकारी के लिए प्राथमिकता निर्धारित की जावेगी। सत्ताधारी दल द्वारा आदर्श आचार संहिता के प्रभावशील होने के बाद भी अपनी घोषणाओं या अन्य आश्वासनों को अपनी छवि सुधारने के लिए प्रकाशित/प्रसारित कराते है, इस प्रक्रिया में शासकीय अनुदान का लाभ लेने वाली संस्थाओं एवं निजी प्रिन्ट मीडिया एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया का दुरूपयोग किया जाता है, इस पर भी सतत निगरानी रखी जावेगी। निर्वाचन कार्यो की वीडियो ग्राफी कराई जावेगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि शासकीय सेवक भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी की गई आदर्श आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करें। साथ ही अटेर उप चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से कराने की दिशा में निर्वाचन के दौरान अपने आचरण एवं व्यवहार में पूर्ण निष्पक्षता बरते। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवक किसी अभ्यार्थी के निर्वाचन के लिए कार्य नहीं करेगे और न ही उसे मत देने के लिए किसी प्रकार का प्रभाव डालेंगे।