भोपाल.  देश के अलग-अलग राज्यों में विधायकों की सैलरी कितनी है, ये सवाल आपके भी मन में कई बार आया होगा. आप अपने राज्य के बारे में भी जानना चाहते होंगे तो आइये हम आपको मध्य प्रदेश के विधायकों की सैलरी के बारे में बताते हैं. मध्य प्रदेश में विधायकों को हर महीने 1 लाख 10 हजार रुपये वेतन और भत्ता दिया जाता है,यानी आपके क्षेत्र के जो विधायक, मंत्री या प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं उनकी सैलरी कितनी है? तो चलिए आज हम आपको यही बताएंगे कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और  प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों की सैलरी कितनी है.

मध्य प्रदेश के विधायकों और मंत्रियों की सैलरी कितनी है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश में आखिरी बार 2016 में विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी की गई थी. बता दें कि राज्य में विधायक को हर महीने एक लाख 10 हजार रुपये वेतन और भत्ता मिलता है, जबकि मौजूदा समय में जिन नेताओं के पास कैबिनेट मंत्री का पद है. उन्हें हर महीने 1.70 लाख रुपये दिए जाते हैं. कैबिनेट मंत्री के बाद राज्य मंत्री का पद आता है.राज्य मंत्री की बात करें तो उन्हें हर महीने 1.50 लाख रुपये वेतन मिलता है. कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के विधायकों और मंत्रियों को मेघालय, ओडिशा, केरल, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पंजाब के निर्वाचित नेताओं से अधिक वेतन मिलता है.

मप्र में विधायकों के वेतन और भत्ते
वेतनमान (Salary) : 30 हजार रुपये
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (Constituency allowance): 35 हजार रुपये
भत्ता (Allowance): 10,000 रुपये
चिकित्सा भत्ता (Medical allowance): 10,000 रुपये
कंप्यूटर ऑपरेटर भत्ता (Computer operator allowance): 15 हजार रुपये
स्टेशनरी और डाक भत्ता (Stationery and postage allowance): 10,000 रुपये
कुल वेतन और भत्ता (Total salary and allowance): 1 लाख 10 हजार रुपये

मुख्यमंत्री  का वेतन कितना है?
हम आपको ये भी बताते हैं कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को राज्य की सेवा करने के लिए हर महीने कितनी सैलरी मिलती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2016 में जब प्रदेश में विधायकों और मंत्रियों की सैलरी में बढ़ोतरी की गई थी तो उस बढ़ोतरी के बाद सीएम  की सैलरी 2 लाख रुपये हर महीने हो गई थी. जबकि उससे पहले उनकी सैलरी 1.43 लाख रुपये थी.

मेघालय में विधायक को मिलते हैं सिर्फ 20 हजार रुपए

अगर तुलनात्मक रूप से देखें तो मेघालय में विधायक को सिर्फ 20 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है. वहीं मध्य प्रदेश के विधायक उनसे करीब पांच गुना ज्यादा एक लाख 10 हजार रुपए वेतन-भत्ते पा रहे हैं. महाराष्ट्र के विधायक तो उनसे दस गुना ज्यादा दो लाख 32 हजार रुपए वेतन-भत्ते पाते हैं. साल 2020 में मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायकों के वेतन-भत्तों को बढ़ाने की कवायद जब शुरू की गई थी तो देशभर की विधानसभा के वेतन-भत्तों का तुलनात्मक अध्ययन हुआ था. उससे ही यह चौंकाने वाला अंतर सामने आया था.