भोपाल। हाल ही में पदोन्नति पाकर डीआईजी बने अफसर अब रेंज में जाने के प्रयास कर रहे हैं, वहीं इन अफसरों की पदोन्नति के चलते खाली होने वाले जिलों में भी पुलिस अधीक्षक बनने के लिए एसपी रेंक के अफसरों ने जोड़तोड़ तेज कर दी है। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते जनवरी में होने वाली तबादला सर्जरी को पुलिस महकमें में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 पदोन्नत हुए 14 डीआईजी में से करीब एक दर्जन डीआईजी रेंज में जाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में डीआईजी की कई रेंज डीआईजी रेंक केअफसरों के जिम्मे बतौर अतिरिक्त चार्ज में हैं, इन डीआईजी रेंज में अब अतिरिक्त चार्ज वाले अफसरों की जगह पर डीजीआई को पदस्थ करना है। भोपाल ग्रामीण डीआईजी का पद अभी अतिरिक्त चार्ज के साथ कृष्णावेनी देसावटु के पास है। उनकी पोस्टिंग डीआईजी एसएएफ भोपाल के तौर पर है, लेकिन उन्हें भोपाल ग्रामीण डीआईजी का चार्ज भी दे रखा गया है। भोपाल डीआईजी ग्रामीण बनने के लिए चार अफसर प्रयास रत हैं। इसमें अधिकांश वे अफसर हैं जो भोपाल में रहकर काम करना चाहते हैं। इनमें से कुछ पीएचक्यू में पदस्थ हैं,जबकि दो अफसर इस वक्त जिले में पुलिस अधीक्षक हैं। भोपाल शहर में अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर का भी एक पद खाली है। इस पद पर आने के लिए भी दो अफसर प्रयास रत हैं।

वहीं इंदौर शहर के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर बनने के प्रयास भी एक अफसर कर रहे हैं। वे अभी जिले में पुलिस अधीक्षक हैं। वे पूर्व में भी इंदौर में पदस्थ रह चुके हैं। रतलाम डीआईजी सुशांत सक्सेना के आईजी बनने के चलते इस रेंज में डीआईजी बनने में भी दो-तीन अफसरों ने रूचि दिखाई है। वहीं रीवा, सीधी, विदिशा, कटनी और राजगढ़ जिलों में पुलिस कप्तानी करने की इच्छा रखने वाले अफसर इन जिलों में कमान पाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। इन जिलों में जाने के लिए एक दर्जन अधिकारी प्रयास कर रहे हैं। वहीं इंदौर के एक डीसीपी पास के जिले में जाने के प्रयास में हैं। भोपाल में बतौर डीसीपी तैनात दो अफसर भी अब जिल की कप्तानी चाहते हैं।