इंदौर। निराश्रित सेवा आश्रम में पहुंचे एक बेटे ने अपनी मां को आश्रम में रखने की गुहार लगाई, तो आश्रम के युवाओं ने पहले समझाने की कोशिश की। जब बेटे ने मां की देखभाल करने में असमर्थता जताई, तो उन्हें सामाजिक न्याय विभाग भेजा गया। वहां से बुजुर्ग अम्मा को आश्रम भेज दिया गया।

कल 90 साल की बुजुर्ग कौशल्या बाई को विभाग के पत्र के बाद निराश्रित सेवा आश्रम में लाया गया। बुजुर्ग ठीक से चल-फिर नहीं पाती है। उनका 1 बेटा और 3 बेटियां भी मां को रखने में असमर्थता जता रहे हैं। पहले बुजुर्ग का बेटा अपनी मां को आश्रम में रखने की गुहार लेकर सीधे पहुंचा था। आश्रम का संचालन करने वाले युवाओं ने जब बेटे से बात की, तो उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी की मौत के बाद काम पर जाने के कारण मैं मां की देखभाल नहीं कर पाता हूं। मेरे बेटे भी मेरा ध्यान नहीं रखते हैं। यश ने बेटे को पुलिस थाने या सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग जाने की सलाह दी, जिसके बाद कल बेटा अपनी मां को आश्रम में रखवाने के लिए सामाजिक न्याय विभाग का पत्र लेकर पहुंचा।

बुजुर्ग फिलहाल रहेंगी आश्रम में ही
कल विभाग से पत्र मिलने के बाद फिलहाल बुजुर्ग को आश्रम में ही पनाह दी गई है। बुजुर्ग चलने-फिरने में असमर्थ है। उन्हें सहारे की जरूरत पड़ती है, इसलिए आश्रम के केयरटेकर उनका ध्यान रख रहे हैं। यश के मुताबिक, एक बार फिर बुजुर्ग अम्मा के बेटे-बेटियों को बुलाकर समझाया जाएगा।