राजनीति के शिखर पुरुष, दूरदृष्टा, मानव कल्याण के लिए समर्पित, असमानता मिटाने के लिए दृढ़ संकल्पित, हम सबके प्रेरणा के स्त्रोत भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को 98वीं जयंती पर सम्पूर्ण राष्ट्र नमन कर रहा है। अटलजी से जुड़ी यादें, उनके ओजस्वी भाषण, जोश भरती कविताएं, प्रधानमंत्री के तौर पर भारत को समृद्ध, सशक्त और दुनियाभर में स्वीकार्य बनाने वाले कार्यों के कारण जन-जन के हृदय में समाएं हुए हैं। अटलजी ने देश के राजनीतिक दलों को जोड़ा, देश के शहरों और गांवों को मार्गों के माध्यम से जोड़ा, प्यासे लोगों और सूखी धरती को जोड़ने के लिए नदियों को जोड़ने की योजना बनाई। अटलजी ने स्कूल छोड़ने वाले लाखों बच्चों को फिर से पढ़ने के लिए स्कूलों से जोड़ा। अटलजी के ह्रदय में कश्मीर घाटी में व्याप्त आतंकवाद को लेकर बहुत पीड़ा थी। कश्मीर में शांति हो, इसके लिए उन्होंने बार-बार प्रयास किए। अयोध्या विवाद का सुलझाने के लिए अटलजी ने प्रयास किया। अयोध्या विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण अटलजी का प्रयास पूरा नहीं हो पाया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अटलजी के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया और सिद्धि तक पहुंचाया।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। अटलजी की 99वीं जयंती से पहले रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद आतंकवाद से मुक्ति के कारण राज्य में शांति है। राज्य में शीघ्र ही विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी चल रही है।

देश में 2002 में सूखे के कारण पैदा हुए संकट को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेयपी से नदियों को जोड़कर बाढ़ से बचाने और खेतों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिए नदी जोड़ो योजना बनाई थी। इस योजना के तहत गंगा सहित 60 नदियों को जोड़ना था। योजना के तहत दो हिस्सों में काम होना था। योजना के पहले हिस्से में दक्षिण भारत की नदियों को और दूसरे हिस्से में गंगा और ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों को जोड़कर बिजली परियोजनाओं में तेजी लाना और सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध करना था।

बुंदलेखंड की प्यासी धरती को पानी से सींचने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने का साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के काम को तेज कर दिया है। बुंदेलखंड में सिंचाई और पीने की पानी की भारी समस्या को हल करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2002 में केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी थी। केंद्र में 2004 कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार आने के बाद इस योजना पर काम नहीं हुआ। अब इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। केंद्र सरकार के परियोजना के लिए 44 हजार करोड़ रुपये की राशि देने के बाद बहुत जल्दी अटलजी का सपना साकार हो जाएगा।

गुजरात विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासियों को लेकर बड़ा शोर-शराबा मचाया था। आदिवासी बहनों-भाइयों ने मोदी सरकार के आदिवासियों के लिए किए गए कार्यों के लिए कांग्रेस को गुजरात की राजनीति में हाशिये पर पहुंचा दिया। देश में पहली बार भाजपा की अगुवाई वाली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 1999 में आदिवासी कल्याण मंत्रालय बनाकर समाज के वंचित तबके के उत्थान की नींव रखी। आज देश की राष्ट्रपति आदिवासी है। मध्यप्रदेश के राज्यपाल आदिवासी है। केंद्र और राज्यों में आदिवासी नेताओं का सरकार का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। आदिवासी विद्यार्थियों की शिक्षा और युवकों को रोजगार दिलाने के लिए मोदी सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं।

हमारे प्रेरणा स्त्रोत अटलजी की सरकार ने देश में सबसे बड़ी स्वर्णिम चतुर्भुज राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के तहत दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई को जोड़ा गया। विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी परियोजना के तहत देश को पहला मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे मिला। जल्दी ही देश में भारतमाला प्रोजेक्‍ट, ग्रीन कॉरिडोर, इकॉनोमिक कॉरिडोर और एक्‍सप्रेसवे के तहत लगभग 25000 किलोमीटर का नेटवर्क तैयार हो जाएगा। 2025 तक एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के बाद देश की सूरत ही बदल जाएगी।

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना पर 6 अप्रैल 1980 को मुंबई में अटलजी के ओजस्वी और प्रेरणादायक भाषण की अंतिम पंक्तियां हमेशा हमारे कानों में गूंजती रहती हैं। अटलजी ने कहा था कि ‘भारत के पश्चिमी घाट को मंडित करने वाले महासागर के किनारे खड़े होकर मैं ये भविष्यवाणी करने का साहस करता हूं कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा। मोदीजी के नेतृत्व में 2014 में केंद्र की सरकार बनने के बाद कमल लगातार खिल रहा है। अटलजी के जन्मदिवस को पूरा देश 25 दिसंबर को 2014 से सुशासन दिवस के रूप मनाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अटलजी की राह पर चलते हुए सच्चाई, ईमानदारी, स्वच्छ, पारदर्शिता और सुशासन के माध्यम से जनता में जनहितैषी, सबके विकास के लिए काम करते हुए विश्व में भारत की गरिमा कायम की। अटलजी के हर सपने के साकार करना ही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है। अटलजी के चरणों में बार-बार नमन।

लेखक कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं।