भिण्ड। धार्मिक स्थानों के साथ खिलवाड़ करने का सिलसिला आए दिन बढ़ता ही जा रहा है जिस कारण पवित्र धार्मिक स्थल में आम जनता के द्वारा मादक पदार्थों का सेवन जैसे अन्य अनैतिक कार्य किए जाने लगे। झारखंड स्थित जैन धर्म के पवित्र स्थल पारसनाथ पर्वतराज को पर्यटन स्थल बना देने के कारण असामाजिक तत्वों के द्वारा अवैधानिक कार्य किए जाने लगे जिससे जैन धर्म के पवित्र स्थल की छवि के साथ खिलवाड़ किया जाने लगा था।

धर्म की अखंडता के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने हेतु मध्यप्रदेश के भिण्ड में आज रविवार को मुनि प्रतीक सागर जी के सानिध्य में जैन समाज ने भिण्ड का बाजार बंद कर विरोध दर्ज कराने के साथ केन्द्र सरकार से मांग की है कि सम्मेद शिखर जी को तीर्थस्थल घोषित किया जाए। साथ ही पर्वतराज क्षेत्र के आसपास हो रहे पत्थरों के अवैध खनन, पेड़ पौधों की कटाई सहित मांस, मदिरा जैसे अशोभनीय पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का भी जिक्र गया। ज्ञात हो कि जैन धर्म के पवित्र 20 जैन तीर्थकरो और अनंत संतों की मोक्ष स्थल सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वतराज जो की झारखंड में स्थित है जिसे झारखंड सरकार हेमंत सोरेन की अनुमति से 2 अगस्त 2019 को वन मंत्रालय द्वारा पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया है।