सतना। मध्‍यप्रदेश सरकार ने कई ऐसी योजनाएं बनाई हैं जिससे आम लोगों के अपने काम आसानी से हो जाए और अगर काम नहीं हो तो आसानी से शिकायत भी कर सकते हैं, लेकिन लाभ तो दूर की बात शिकायत करना भी पीडि़त को महंगा पड़ गया है।

जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक फरियादी को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करना भारी पड़ा गया, जहां बेटे के साथ मारपीट होने और पुलिस कार्रवाई न होने पर पीड़िता ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर दी। गुस्से में तमतमाया एक पुलिसकर्मी पीड़िता के घर पहुंचा और सीएम हेल्पलाइन की शिकायत कटवाने का दबाव बनाने लगा। पुलिसकर्मी ने पीड़ित परिवार को घर मे अघोषित नजरबंद कर दिया। इस दौरान दंपत्ति को सीएम हेल्पलाइन शिकायत वापस लेने के लिये न सिर्फ प्रताड़ित करने लगा, बल्कि फर्जी मुकदमे में फसा देने की धमकी देने लगा।

पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर फरियादी महिला की तबियत बिगड़ गई, लेकिन संगदिल पुलिसकर्मी का दिल नहीं पसीजा। वह पीड़ित परिवार को दवा इलाज के लिए भी बाहर नही जानें दे रहा था। ऐसे में थक हारकर फरियादी ने अपना मोबाइल पुलिसकर्मी को दे दिया, जिसके बाद पुलिसकर्मी ने आराम से सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत कटवा दी। शिकायत कटने के बाद पीड़िता अपने पति व बच्चो के साथ जिला अस्पताल पहुंची, जहां उसे स्ट्रेचर में लादकर वार्ड में भर्ती कराया गया. फिलहाल उसका इलाज किया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि सतना के माधवगढ़ में रोहित जायसवाल व उसकी पत्नी किरण जयसवाल किराने की दुकान चलाते है. जहां 9 दिसंबर को उनके 6 साल के बेटे के साथ पड़ोसी साहिल जायसवाल ने मारपीट कर दी, बेटे के साथ मारपीट की वजह पूछने गई मां किरण को भी साहिल जयसवाल और उसके परिवार ने लाठी से पीट दिया, जिससे वह घायल हो गई।

घायल किरण अपने पति रोहित के साथ कोलगवां थाने गई और आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी, लेकिन जब 2-3 दिन तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो किरण जयसवाल ने 13 दिसंबर को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करा दी। शिकायत दर्ज होते ही कोलगवां पुलिस फौरन हरकत में आ गई, मारपीट करने वाले आरोपियों को पकड़ने और सजा देने की बजाय पुलिस पीड़िता से सीएम हेल्पलाइन शिकायत वापस करवाने में एक्टिव हो गई। कोलगवां थाने से भागवत पांडे नाम के पुलिसकर्मी को सीएम हेल्पलाइन शिकायत वापस करवाने का जिम्मा सौंपा गया था।