भोपाल।  मध्यप्रदेश सरकार अब शासकीय कर्मचारियों की मृत्यु पर उन पर आश्रित विधवा बेटियों को भी पेंशन का लाभ देने की तैयारी में है। इसके अलावा शासकीय कर्मचारी के दिव्यांग बच्चों अब जीवन पर्यन्त पेंशन देने की तैयारी है। कर्मचारी आयोग ने राज्य सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इस संबंध में सुझाव दिया है।

कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 11 दिसंबर 2022 को समाप्त हो गया था। वित्त विभाग ने आयोग के कार्यकाल में एक साल का इजाफा कर दिया है। अब आयोग 11 दिसंबर 2023 तक काम करता रहेगा। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जीपी सिंघल है। राज्य सरकार आयोग के जरिए शासकीय कर्मचारियों और पेंशनरों से जुड़े नियमों, प्रावधानों को मोडीफाई करवा रही है।

मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मचारियों से जुड़ें पेंशन रुल्स काफी पुराने है। केन्द्र सरकार अपने पेंशन नियमों को काफी सरल कर चुकी है लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने समय-समय पर जो नियम-प्रक्रिया इसमें जोड़ी थी उनके कारण पेंशनर्स और उनके परिजनों को कई तरह की दिक्कते आती है। अब आयोग ने मध्यप्रदेश के पेंशन रुल्स भी केन्द्र सरकार के नियमों की तर्ज पर आसान कर दिए है। इन नियमों में नियम के प्रोसीजर भी तय कर दिए है।

आयोग ने दिए ये सुझाव

अभी मध्यप्रदेश में विधवा बेटियों को शासकीय कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसकी पेंशन दिए जाने के कोई प्रावधान नहीं है। आयोग ने सुझाव दिया है कि यदि शासकीय कर्मचारी की बेटी विधवा है और वह उस पर आश्रित रही है तो शासकीय सेवक की मृत्यु पर वह भी पेंशन पाने की हकदार है। इसी तरह एक सुझाव यह भी दिया गया है कि शासकीय कर्मचारी के दिव्यांग बच्चों को जीवन पर्यन्त पेंशन मिलना चाहिए।

अभी पेंशन नियमों में यह प्रावधान है कि शासकीय कर्मचारी के बच्चे को केवल 25 साल की उम्र तक ही पेशन दी जाती है। आयोग ने सुझाव दिया है कि शासकीय कर्मचारी की पत्नी की तरह ही उसके दिव्यांग बच्चों को भी अब जीवन पर्यन्त पेंशन दी जाए।

ये नियम भी बदलेंगे

किसी शासकीय कर्मचारी की किसी हादसे में मृत्यु होंने, उसके अचानक लापता हो जाने के समय उसके परिजनों को किस तरह पेंशन का लाभ दिया जाए। उन्हें भटकना नहीं पड़े इस संबंध में भी आयोग ने प्रावधान कर दिए है।

इसके अलावा यदि कर्मचारी की सर्विस बुक में कोई कमी है तो रिटायरमेंट के बाद उसे उस कमी के लिए बार-बार सरकारी कार्यालय के चक्कर नहीं लगाना पड़े इस संबंध में प्रोसिजर नोटिफाई किया गया है। यह सभी काम अब शासकीय सेवक के रिटायर होंने से पहले ही हो जाएंगे। उसे सर्विस बुक में कमी के कारण रिटायरमेंट के बाद पेंशन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।