मध्यप्रदेश में अब रफ्तार पकड़ चुके बेटी बचाओ अभियान में विभिन्न जन.प्रतिनिधि बढ़.चढ़कर भागीदारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज ने आज सीहोर में हुई एक कार्यशाला में कहा कि अपनी उत्कृष्ट सोच के साथ मध्यप्रदेश बेटियों के हक में अब अग्रणी हो चुका है। उन्होंने भ्रूण लिंग परीक्षण निषेध पर हुई इस कार्यशाला के मौके पर बेटी बचाओ अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्र.छात्राओं और सिर्फ एक बेटी वाले दम्पत्तियों का सम्मान भी किया।
श्रीमती सुषमा स्वराज ने आशा व्यक्त की कि बेटियों के बीच हो रहे भेदभाव को दूर करने में मध्यप्रदेश का अभियान जहाँ परिणामदायी सिद्ध होगा वहीं बेटी है तो कल है के नारे को भी साकार करेगा। उन्होंने कहा कि बेटियों के कल्याण के लिये लाड़ली लक्ष्मी मुख्यमंत्री कन्यादान जैसी अन्य अनेक योजनाएँ क्रियान्वित कर राज्य सरकार बेटियों के हक में पूरे देश में अग्रणी हो गई है।
श्रीमती स्वराज ने भ्रूण लिंग परीक्षण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पीएनडीटी एक्ट पर यदि कारगर तरीके से अमल किया जाता तो आज देश में लिंगानुपात की स्थिति गंभीर नहीं होती। उन्होंने कहा कि भ्रूण लिंग परीक्षण के जरिये बेटा और बेटी की पहचान करना शर्मसार बात है। उन्होंने बेटी बचाने के लिये जन.जागरण को जरूरी बताते हुए सामाजिक सोच में बदलाव लाने के साथ ही चिकित्सकों के लिये भी यह संकल्प जरूरी बताया कि वे कभी किसी को बेटा या बेटी के जन्म की पूर्व जानकारी नहीं देंगे।
सांसद श्रीमती स्वराज ने बेटी बचाओ अभियान पर केन्द्रित कार्यशाला पर खुशी जाहिर करते हुए जिला प्रशासन को बधाई दी। उन्होंने इस सिलसिले में लगाई गई चित्रकला प्रदर्शनी को देखा और दो छात्राओं अपर्णा और गीतिका द्वारा उकेरे गये उत्कृष्ट चित्रों के लिये उन्हें बधाई दी।
कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियोंए विषय.विशेषज्ञों आदि ने इसके उद्देश्य पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस मौके पर गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री रामपाल सिंहए एमण्पीण् एग्रो अध्यक्ष श्री रामकिशन चौहान समेत कई जन.प्रतिनिधि और जिला प्रशासन तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।