नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एनसीआर में लागू ग्रेप की सख्ती और बढ़ा दी है। आयोग ने अपील की है कि संभव हो तो वर्क फ्रॉम होम करें या वायु प्रदूषण ना फैलाने वाले परिवहन साधनों का उपयोग करें।

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक इस सीजन में पहली बार खतरनाक स्तर में पहुंच गया है। इसे देखते हुए प्रशासन इसे नियंत्रित करने के लिए पूरे प्रयास कर रहा है। इसी संदर्भ में आयोग ने शनिवार को ग्रेप को वर्ग दो से बढ़ाकर वर्ग तीन में कर दिया है। चुनिंदा सेवाओं को छोड़कर सभी विभागों में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आयोग ने यह निर्णय दिल्ली-एनसीआर में आने वाले जिलों की राज्य सरकारों (state governments) पर छोड़ दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बीएस-3 के पेट्रोल और बीएस-4 के डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा सकती हैं।

आयोग ने अपील की है कि लोग सार्वजनिक परिवहन का या शेयर राइड का उपयोग करें। इसके अतिरिक्त साइकिल का उपयोग या पैदल भी चल सकते हैं। अगर आपका कार्य प्रभावित ना हो तो आप वर्क फ्रॉम होम भी कर सकते हैं। ईधन के विकल्प के लिए लकड़ी या कोयला ना जलाएं।

आयोग ने चुनिंदा विभागों (Selected Departments) को छोड़कर समूचे एनसीआर में निर्माण कार्यों पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। रेलवे स्टेशनों, मेट्रो, अस्पतालों, हवाईअड्डे आदि विभागों को इन प्रतिबंधों से बाहर रखा गया है।