भोपाल। मध्यप्रदेश में 9 नवंबर को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन होने के साथ नाम जोडऩे, हटाने और संशोधन का काम प्रारंभ जाएगा। इसकी निगरानी के लिए पहली बार पांच से अधिक जिले वाले इंदौर, जबलपुर, सागर और उज्जैन संभाग, में दो-दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। इन्हें मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा करके तीन बार रिपोर्ट देनी होगी। पर्यवेक्षकों को पहली रिपोर्ट 8 दिसंबर, दूसरी 26 दिसंबर और तीसरी 5 जनवरी को निर्वाचन आयोग के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को भेजनी होगी। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 5 जनवरी 2023 को किया जाएगा।
चुनाव नजदीक आते ही मतदाता सूची में सुधार के कार्य शुरू हो गए है। प्रारूप प्रकाशन के साथ ही आपत्ति और संशोधन के काम भी जारी हो जाएंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि पुनरीक्षण कार्य की निगरानी के लिए संभागायुक्तों (कमिश्नर) को पर्यवेक्षक बनाया गया है। निर्वाचन आयोग ने पांच से अधिक जिले वाले संभागों में दो अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं,जबकि अन्य जिलों में एक-एक अधिकारी रहेगा।
सप्ताह में दो दिन घर-घर संपर्क
मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य के दौरान बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) सप्ताह में पांच दिन मतदान केंद्र और दो दिन (शनिवार और रविवार) घर-घर संपर्क करेंगे। इसमें वे यह पता करेंगे कि कोई पात्र व्यक्ति मतदाता सूची में नाम शामिल करने से वंचित तो नहीं रह गया है। यदि ऐसा कोई व्यक्ति पाया जाता है तो उससे आवेदन करवाया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारी भी जिलों का दौरा करके पुनरीक्षण कार्य को देखेंगे।
इंदौर, उज्जैन सहित पांच संभागोंं में दो-दो पर्यवेक्षक
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि पुनरीक्षण कार्य की निगरानी के लिए पांच से अधिक जिले वाले संभागों में दो अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए थे। इंदौर में संभागायुक्त डा.पवन कुमार शर्मा के अलावा डा.लोकेश कुमार जाटव को भी पर्यवेक्षक बनाया है। उज्जैन में संदीप यादव के साथ शोभित जैन, सागर में मुकेश कुमार शुक्ला के साथ धनंजय सिंह भदौरिया और जबलपुर संभाग में बी.चंद्रशेखर के साथ विवेक कुमार पोरवाल को पर्यवेक्षक बनाया है। चंबल संभाग की जिम्मेदारी डा. ई. रमेश कुमार को दी गई है।